UTTARAKHAND

शिक्षक दिवस पर राज्यभर के 30 शिक्षकों को मिला ”गवर्नर अवॉर्ड”

उत्कृष्ट कार्यों के लिए शिक्षकों को मिला सम्मान 

देभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून । हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी उत्तराखंड के 30 शिक्षकों को गवर्नर्स टीचर्स अवॉर्ड से सम्मानित किया गया यह पुरुष्कार नवाचार, उत्कृष्ट कार्य और बेहतर अध्यापन के लिए दिया गया। गुरुवार को राजभवन में आयोजित सम्मान समारोह में शिक्षकों को यह सम्मान दिया गया। राज्यपाल, मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के हाथों पुरस्कार पाकर शिक्षकों को और अधिक जिम्मेदारी का अहसास कराया गया कि वे शिक्षण के क्षेत्र में और भी बेहतर करें ।

राजभवन में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे, सचिव विद्यालयी शिक्षा मिनाक्षी सुंदरम, सचिव राज्य पाल आरके सुधांशु ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया।

यहां शिक्षकों को पुरस्कार स्वरूप दस हजार रूपये नगर राशि, प्रशस्ति पत्र और प्रधानमंत्री मोदी की किताब मन की बात एवं विवेकानंद की जीवनी भेंट की गई। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने पूर्व राष्ट्रपति राधाकृष्णन को याद करते हुए कहा कि देश के सर्वोच्य पद पर पहुंचने के बाद भी वह दिल से हमेशा शिक्षक ही रहे।

उन्होंने सभी शिक्षक, विभागीय अधिकारी और छात्रों को शिक्षक दिवस की बधाई दी। कहा कि कई शिक्षक ऐसे भी हैं, जो सालों से खुद को शिक्षा और छात्र हित के लिए न्यौछावर किए हैं, लेकिन कभी सामने नहीं आ पाते। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी को शिक्षक दिवस की बधाई देते हुए शिक्षा क्षेत्र में चल रही सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने महापुरुषों के जन्म दिवस पर छुट्टी न कर उनके जीवन परिचय को छात्रों तक पहुंचाने की अपील की। कार्यक्रम का संचालन मोहन बिष्ट ने किया। 

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शिक्षकों से किताबी ज्ञान के साथ छात्रों में व्यवहारिक ज्ञान का संचार करने का आह्वान किया। कहा कि समय की मांग केवल व्यक्ति की शिक्षा मात्र नहीं है, बल्कि हर दक्षता है। कहा कि स्किल होने से आपकी अपनी महत्व बढ़ जाती है। आधुनीकरण समाज की अपेक्षाएं बढ़ रही हैं। छात्रों पर केवल पास होने नहीं, बल्कि बढिय़ा ग्रेड के साथ पास होने का दबाव है। उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा में व्यवसायिक शिक्षा भी शामिल होनी चाहिए। कहा कि शिक्षा और विकास एक दूसरे के पहलू हैं। हमें छात्रों में संस्कार का तीसरा आयाम भी डालना होगा। शिक्षा के साथ छात्र के रचनात्मक पहलुओं का विकास करवाना भी शिक्षक की जिम्मेदारी है। कहा कि स्कूलों को आधुनिक शिक्षा के तहत ऑनलाइन कक्षा संचालित करने की आवश्यकता है। उन्होंने शिक्षकों से अपने छात्रों को इतना काबिल बनाने का आह्वान किया कि देश- दुनिया में प्रदेश का नाम हो। कहा जब स्कूल इस स्तर पर होंगे तो पलायन भी रूकेगा। 

पैसा नहीं बनेगा मेधावियों की शिक्षा में अड़चन: सीएम

इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के मेधावी छात्रों की शिक्षा में कोई अड़चन नहीं आएगी। प्रदेश में छह करोड़ की लागत से एक आवासीय स्कूल अगले सत्र में शुरू हो जाएगा। प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद गरीब छात्रों को न्यूनतम फीस पर यहां दाखिला दिया जाएगा। बताया कि स्कूल में 15 फीसद आरक्षण अन्य राज्यों के लिए भी तय होगा। बताया कि दसवीं और 12वीं की छात्राओं का हीमोग्लोबिन टेस्ट होने के बाद जो बीमारियां सामने आने के बाद, उन बिमारियों का इलाज भी करवाया जाएगा। कहा कि शिक्षा का स्तर बढ़ाना केवल शिक्षक नहीं समाज की जिम्मेदारी भी है। बताया कि हर साल प्रदेश के 25 मेधावी छात्रों को ‘देश को जानो’ योजना के तहत देश में कई स्थानों पर घूमने का मौका मिलेगा। साथ ही रेल, बस और हवाई यात्रा भी करवाई जाएगी। कहा कि शिक्षकों के पढ़ाई के साथ बच्चों में सामाजिक जागरुकता और सामुहिक दायित्व निभाने का गुण भी विकसित करना होगा। जिससे आने वाले समय में हर छात्र एक बेहतर नागरिक भी बने। 

इन शिक्षकों को मिला सम्मान

माध्यमिक स्तर

  • गीता रानी, प्रवक्ता, राबाइंका स्याल्दे, अल्मोड़ा।  

  • पूरन सिंह, प्रवक्ता, राइंका सिरकोट गरुड़, बागेश्वर।

  • नरेंद्र कुमार बहुगुणा, प्रवक्ता, राइंका पांडुकेश्वर, चमोली।

  • दयाकृष्ण जोशी, स.अ., राइंका मडलक, चंपावत।

  • संजय कुमार, प्रवक्ता, राइंका क्वानू, देहरादून।

  • पुष्पांजली अग्रवाल, स.अ., राउमावि मानक चौक मंगलौर, हरिद्वार।

  • डॉ. भवतोष भट्ट, प्रवक्ता, राआइंका कोटाबाग, नैनीताल।

  • सरिता उनियाल, प्रवक्ता, राकइंका श्रीनगर, पौड़ी।

  • भाष्करानंद जोशी, प्रवक्ता, राइंका थरकोट विण, पिथौरागढ़।

  • विजय बैरवाण, प्रवक्ता, राइंका क्यूंजा, रुद्रप्रयाग।

  • डॉ. आशोक बड़ोनी, प्रवक्ता, राइंका मंजकोट चौरास, टिहरी।

  • दिवाकर प्रसाद पैन्यूली, प्रवक्ता, राइंका बौन पंजियाला, उत्तरकाशी।

  • प्रकाश चंद्र पाठक, स.अ, राउमावि मोहम्मदपुर भुडिया, ऊधमसिंह नगर,

प्राथमिक स्तर

  • पंकज कुमार पंत, स.अ, राआजूहा, महमगांव, अल्मोड़ा।

  • निर्मला आर्य, स.अ, राकजूहा, मन्यूड़ा गरुड़, बागेश्वर।

  • सुमित्रा फरस्वाण, प्र.अ, राप्रावि गड्यूड़ा नवीन पाटी, चमोली।

  • अर्चना नौटियाल, स.अ, राप्रावि पौंधा सहसपुर, देहरादून।

  • गणेश दत्त, स.अ, राउप्रावि तल्ली पाली, नैनीताल।

  • गबर सिंह, स.अ, रापूमावि मुस्याखांद, पौड़ी।

  • अजरा जुनैद, प्र.अ, राप्रावि सलकोट विण, पिथौरागढ़।

  • अंजू लिंगवाल, प्र.अ, राप्रावि बैनोली, रुद्रप्रयाग।

  • गीता कठैत, प्र.अ, राप्रावि नागराजाधार कड़ाकोट, टिहरी।

  • चंद्रभूषण बिजल्वाण, स.अ, राउप्रावि सुनाली पुरोला, उत्तरकाशी।

  • नमिता पंत, स.अ, राप्रावि जसपुर खुर्द काशीपुर, ऊधमसिंह नगर।

संस्कृत शिक्षा में इन्हें मिला सम्मान

  • डा शैलेंद्र नारायण कोटियाल, स.अ, श्री रघुनाथ कीर्ति आदर्श संस्कृत महाविद्याल, देवप्रयाग पौड़ी।

  • कृष्ण प्रसास उनियाल, स.अ, श्री वेद संस्कृत महाविद्यालय, ऋषिकेश, देहरादून।

  • डा नवीन चंद्र बेलवाल, सहायक प्रवक्ता, श्री सनातन धर्म संस्कृत महाविद्यालय, रेलवे बाजार हल्द्वानी, नैनीताल

  • पंकज कुमार, स.अ, राजकीय संस्कृत विद्यालय, सौडू, टिहरी गढ़वाल।

  • डा गोपाल राम, सहायक प्रवक्ता, श्री गरीबदासीय साधु संस्कृत महाविद्यालय, जगजीतपुर कनखल, हरिद्वार

वहीं श्री गरीब दासीय साधु संस्कृत महाविद्यालय जगजीतपुर कनखण, हरिद्वार में संस्कृत के शिक्षक डा गोपाल राम को कॉलेज में पत्रिका संपादन, खेल और सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मान के लिए चुना गया। जीआइसी कोटाबाग, नैनीताल के डा भवातोष भट्ट को स्कूल में एनसीसी शुरू करने, एनसीसी के 75 छात्रों का सेना में चयन होने और स्कूल में हर्लब गार्डन विकसित करने के लिए सम्मानित किया गया। 

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