सुखद खबर: दून अस्पताल प्रशासन ट्रेनी IFS को कर सकता है डिस्चार्ज
1839 लोग होम क्वारंटाइन में हैं। 774 लोगों ने 28 दिन की निगरानी अवधि पूरी
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : कोरोना संक्रमण के खौफ और कोरोना से बचाव के लिए चल रहे लॉक डाउन के बीच उत्तराखंड राज्य के लिए एक सुखद खबर है कि दून अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित ट्रेनी आईएफएस की दूसरी जांच रिपोर्ट भी नेगेटिव प्राप्त हुई है। इस रिपोर्ट के आने के बाद अब उत्तराखंड में कोरोना पॉजिटिव की संख्या एक बार फिर पांच से चार हो गई है। वहीं IFS की रिपोर्ट के नेगटिव आने के बाद उम्मीद है डॉक्टरों द्वारा सलाह मशवरे के बाद अब दून अस्पताल प्रशासन ट्रेनी IFS को डिस्चार्ज कर दिया है। जबकि अन्य दो प्रशिक्षु आइएफएस की रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। अब इनका सैंपल अब दोबारा जांच के लिए भेजा गया है। यदि पुन: रिपोर्ट निगेटिव आती है तो इन्हें भी अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। उधर, हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज स्थित लैब से प्राप्त 38 जांच रिपोर्ट में सभी निगेटिव हैं।
प्रदेश से अब तक 368 सैंपल कोरोना की जांच के लिए भेजे गए हैं। इनमें से 317 की जांच रिपोर्ट मिल चुकी है। जिसमें 312 निगेटिव और पांच की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। जिन पांच मामलों में जांच रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी, उनमें भी एक स्वस्थ्य हो गया है। जबकि दो अन्य की सेहत में भी सुधार है। 51 सैंपलों की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है।
वहीं शुक्रवार को 45 और सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। इनमें सबसे अधिक दस सैंपल आइडीएसपी यूनिट से भेजे गए हैं। जबकि सिविल अस्पताल रुड़की से पांच, मेला अस्पताल हरिद्वार से चार, दून अस्पताल, एम्स ऋषिकेश, बेस अस्पताल हल्द्वानी व जिला अस्पताल से तीन-तीन, मिलिट्री अस्पताल, बेस अस्पताल कोटद्वार व बेस अस्पताल अल्मोड़ा से दो-दो और मैक्स अस्पताल, कैलाश अस्पताल, हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल नैनीताल, सिविल अस्पताल रानीखेत, जिला अस्पताल बागेश्वर, जिला अस्पताल टिहरी व जिला अस्पताल ऊधमसिंहनगर से एक-एक सैंपल जांच के लिए भेजा हैं। वर्तमान में विभिन्न अस्पतालों में कोरोना संक्रमित अथवा संदिग्ध 55 मरीज भर्ती हैं। जबकि 1839 लोग होम क्वारंटाइन में हैं। 774 लोगों ने 28 दिन की निगरानी अवधि पूरी कर ली है। यह सभी स्वस्थ्य हैं।
वहीं राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूरी तरह से कोरोना संक्रमित और कोरोना के संदिग्ध मरीजों के इलाज के लिए आरक्षित कर लिया गया है। अब यहाँ सामान्य रोगियों को फिलहान नहीं देखा ही जाएगा और न भर्ती ही किया जाएगा। दून अस्पताल के डॉक्टरों ने देहरादून की जनता से निवेदन किया है कि फिलहाल सामान्य रोगी दून अस्पताल न आएं।