कोरोना संक्रमित लोगों के लिए 300 बेड के आइसोलेशन वार्ड को किया आरक्षित
कोरोना की चेन तोड़ने को सरकार के साथ कंधा मिला कर खड़ा हुआ हिमालयन अस्पताल
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून । विश्वविख्यात योगी स्वामी राम अपने जीवनकाल में उत्तराखंड के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए संघर्ष करते रहे और उन्होंने जॉलीग्रांट जैसे स्थान में हिमालयन हॉस्पिटल की स्थापना कर उत्तराखंड ही नहीं बल्कि पश्चिमी उत्तरप्रदेश और पडोसी राज्य हिमाचल प्रदेश तक की जनता को स्वास्थ्य के क्षेत्र में अत्याधुनिक हॉस्पिटल दिया जो वर्षों से सेवा में जुटा हुआ है और उत्तराखंड के हर संकट के समय साथ खड़ा रहा। इतना नहीं यह अस्पताल साल में हज़ारों रोगियों सहित निर्धनों तक को कई बार निशुल्क चिकित्सा सुविधा देता रहा है यही कारण है कि इस हॉस्पिटल ने क्षेत्र ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों तक में ख्याति बटोरते हुए विश्वास भी कायम किया है।
वर्तमान दौर में कोविड-19 के संक्रमण से जहाँ पूरा विश्व लड़खड़ा रहा है और भारत तो इस संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए जद्दोजहद कर रहा है इसके कारण केंद्र तथा राज्य सरकार ने पूरे देश और प्रदेश में लॉक डाउन घोषित किया हुआ है। ऐसे आपातकाल के दौरान भला स्वामी राम के आदर्शों पर चलने वाला हिमालयन अस्पताल कहां पीछे रहने वाला था , वह भी इस जंग में राज्य सरकार के साथ आगे आया है।
स्वामी राम हिमालयन अस्पताल के कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखकर कहा है कि कोविड-19 जहां एक और पूरे विश्व में महामारी के रूप में फैल गया है। जो एक विगत संकट पूरे देश में पैदा हो गया है। लिहाजा स्वामी राम हिमालयन अस्पताल कोविड-19 की चेन तोड़ने के लिए सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर तैयार है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है हिमालयन अस्पताल ने इसके लिए 300 बेड के आइसोलेशन वार्ड को कोरोना संक्रमित लोगों के लिए आरक्षित किया है।
उन्होंने कहा है हिमालयन अस्पताल में आने वाले कोरोनावायरस से संक्रमित संदिग्ध मरीजों के लिए उपचार के लिए पूरी तरह से तैयार है । उन्होंने पत्र के माध्यम से कहा कि इसमें अस्पताल का पूरा स्टाफ व नर्सिंग स्टाफ सहयोग करेगा। उन्होंने सरकार से मांग की है कि कोरोना की जंग से लड़ने के लिए स्टाफ की सुरक्षा के लिए उपकरणों की आपूर्ति हेतु राज्य सरकार से मदद की दरकार है ।