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अमित शाह बने गृह मंत्री, राजनाथ को रक्षा मंत्रालय और ”निशंक” को मिला मानव संसाधन विकास मंत्रालय

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अमित शाह बने गृह मंत्री तो राजनाथ को रक्षा मंत्रालय
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वित्त मंत्री बनीं महिला निर्मला सीतारमण
मोदी सरकार में पहली बार मंत्री बनने वालों को अहम विभाग दिए गए हैं। इसके पीछे का मकसद यह है कि महत्वपूर्ण नीतिगत फैसलों में बिल्कुल नई सोच का इस्तेमाल किया जाए। एस. जयशंकर, अमित शाह और रमेश पोखरियाल निशंक को विदेश, गृह और मानव संसाधन विकास जैसे मंत्रालय दिए गए हैं। वहीं, केंद्रीय मंत्रािमंडल में सबसे युवा मन्त्रियों में से एक अनुराग ठाकुर (44) को वित्त एवं कारपोरेट मामलों का राज्यमंत्राी बनाया गया है। बिहार भाजपा अध्यक्ष रहे नित्यानंद राय (53) को अमित शाह का जूनियर मंत्री बनाया गया है।
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली : राजग-2 सरकार में जहां मंत्रािपरिषद के कई चेहरे बदल गए हैं, वहीं क्रियान्वयन के स्तर पर भी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। शुक्रवार को हुए विभागों के बंटवारे में स्पष्ट हो गया कि जमीनी स्तर पर बदलाव की सोच अब और तेज होगी। अमित शाह को गृह मंत्रालय का जिम्मा मिला है। इसके साथ ही यह तय हो गया है कि आतंकवाद और आंतरिक सुरक्षा को लेकर और कड़े फैसले होंगे। राजनाथ सिंह को इस बार रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। विदेश मंत्रालय का जिम्मा पूर्व सचिव एस. जयशंकर को देने का खास महत्व है। वित्त मंत्रालय को लेकर भी अटकलों का बाजार गर्म था। अरुण जेटली के स्वास्थ्य कारणों से जिम्मेदारी लेने से मना करने के बाद पीयूष गोयल सबसे आगे माने जा रहे थे। लेकिन यह मंत्रालय पूर्व रक्षा मंत्राी निर्मला सीतारमण को दिया गया है। वह देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्राी हैं। हालांकि उनसे पहले प्रधानमंत्राी रहते हुए इंदिरा गांधी ने 1970-71 के बीच वित्त मंत्रालय अपने पास रखा था। खास बात यह है कि देश की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्राी होने का गौरव भी निर्मला सीतारमण को हासिल है। इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्राी रहते हुए दो वर्ष तक रक्षा मंत्रालय भी अपने पास रखा था।
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दो नए मंत्रालय हुए गठित
जमीनी स्तर पर जल संसाधन, गंगा व पेयजल को मिलाकर जल शक्ति मंत्रालय और पशुधन, दुग्ध व मत्स्य के नाम से अलग मंत्रालय के गठन को भी अहम कदम माना जा सकता है। इससे सरकार की प्राथमिकता भी स्पष्ट हो गई है। गंगा पुनरुद्धार मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना थी, लेकिन कई कारणों से यह पूरी तरह परवान नहीं चढ़ सकी। इस बार प्रधानमंत्राी ने अलग एक कैबिनेट मंत्राी इसके लिए लगा दिया है। राजस्थान से आने वाले तेजतर्रार गजेंद्र सिंह शेखावत को जल शक्ति मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। इसी मंत्रालय में जल संसाधन और पेयजल विभाग को भी मिला दिया गया है ताकि जल से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित रहे। दूसरा स्वतंत्रा मंत्रालय पशुधन, दुग्ध और मत्स्य का बनाया गया है। इसके लिए गिरिराज सिंह के रूप में कैबिनेट मंत्राी और संजीव बालियान के रूप में राज्यमंत्राी बनाया गया है। ध्यान रहे कि अब तक यह कृषि मंत्रालय के अधीन एक विभाग हुआ करता था। इसका महत्व इसलिए खास है क्योंकि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की योजना बहुत कुछ इसी विभाग की सफलता पर निर्भर होगी।
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