गंगोत्री इलाके में देवदार व कैल के जंगल सुलगे
करोड़ों की वन संपदा के नुकसान का अनुमान
उत्तरकाशी : मौसम ने थोड़ी करवट क्या बदली कि जंगल भी सुलगने लगे। गंगोत्री धाम के नजदीक पांडव गुफा क्षेत्र के देवदार व कैल के जंगल सुलग रहे हैं और तेज हवा आग में घी का काम कर रही है। हालांकि, उत्तरकाशी वन प्रभाग, गंगोत्री नेशनल पार्क और एसडीआरएफ की 35 सदस्यीय टीम आग बुझाने में जुटी है, लेकिन उसे भी विपरीत हालात से दो-चार होना पड़ रहा है।
यदि जल्द ही आग पर काबू नहीं पाया गया तो इसके गंगोत्री नेशनल पार्क में फैलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। यह पहला मौका है, जब गंगोत्री जैसे ठंडे क्षेत्र में जंगल में आग लगी है।
गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित राजेश सेमवाल के मुताबिक तीन दशक के इतिहास में अभी तक आग की यह पहली घटना है। उधर, वन विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो बुधवार को राज्य में जंगलों में आग की तीन घटनाएं हुईं।
गंगोत्री क्षेत्र में सामान्य तौर पर मौसम ठंडा रहता है। बुधवार को भी वहां अधिकतम तापमान 15 और न्यूनतम एक डिग्री सेल्सियस था। इसी बीच उत्तरकाशी वन प्रभाग की गंगोत्री रेंज के पटागणियां कक्ष में पांडव गुफा के निकट अचानक जंगल में आग भड़क उठी। धुंए के गुबार उठे तो इसका पता चला।
इस पर गंगोत्री रेंज के रेंज अधिकारी बीएस राणा ने वन प्रभाग, गंगोत्री नेशनल पार्क और एसडीआरएफ के पांच जवानों को साथ लेकर 35 सदस्यीय टीम गठित की। टीम ने करीब डेढ़ किलोमीटर दूर पांडव गुफा के पास आग बुझाने की कोशिश, मगर तेज हवा के कारण आग ने विकराल रूप धारण कर लिया।
पांडव गुफा से लगभग तीन किमी आगे पहाड़ी ओर बढ़ रही आग से देवदार, कैल सहित कई पेड़ पौधों को भारी नुकसान हुआ। बताया गया कि जंगल में जमा पत्तियां बारूद का काम कर रही है और आग गंगोत्री नेशनल पार्क की तरफ बढ़ रही है।
उत्तरकाशी के डीएफओ संदीप कुमार के अनुसार गंगोत्री रेंज में आग की यह पहली घटना है। आग बुझाने के प्रयास जारी हैं और इस पर काबू पाने के बाद ही क्षति का पता चल सकेगा।
आशंका जताई जा रही कि भेड़-बकरी पालकों ने आग जलाई होगी और इसे यूं ही छोड़ दिया। इससे जंगल में आग फैली। डीएफओ ने बताया कि क्षेत्र में रहे भेड़ पालकों को भी चिह्नित किया जा रहा है। वहीं, गंगोत्री नेशनल पार्क के उप निदेशक श्रवण कुमार ने उम्मीद जताई कि देर रात तक आग पर काबू पा लिया जाएगा।