Uttarakhand

आपदा घोटाले में ”स्कूटर में तेल वाला” मामला बना भाजपा के गले की फांस

आपदा के दौरान भ्रष्टाचार करने वाले नेताओं को पार्टी में लेकर फांसी भाजपा 

देहरादून :  मोदी की महारैली पीएम मोदी को आपदा घोटाले में स्कूटर में तेल वाला मामला किस नेता ने फीड किया, इसकी पड़ताल तेज हो गई है। पीएम के संबोधन के बाद कांग्रेस ने जिस तरह से विजय बहुगुणा की आड़ में भाजपा पर हमला बोला है उससे केंद्रीय नेतृत्व भी स्तब्ध है। लेकिन भाजपा की परम्पराओं के अनुसार किसी भी राष्ट्रीय नेता को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष, महामंत्री संगठन ही स्थानीय मुद्दों व मामलो की जानकारी फीड के रूप में देते रहे हैं लिहाज़ा यह मुद्दा भी सूबे के किसी आला प्रदेश नेता द्वारा ही प्रधानमंत्री को दिया गया होगा। 

अधिकारिक तौर पर जांच की बात भाजपा नहीं स्वीकार रही है। कुछ नेता पीएमओ में अपने संपर्क सूत्र साध रहे हैं कि वहां इस घटनाक्रम पर आगे क्या रिएक्शन होने वाला है। पीएम मोदी के संबोधन से पूर्व स्थानीय मुद्दों पर उनके कार्यालय में सूचना देने वाले स्थानीय नेताओं के स्तर से ही जानकारी पहुंची है।

पीएम मोदी ने मंगलवार को जनसभा में कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए पीएम ने कहा कि ऐसा सुन होगा कि आदमी पैसे खाता है, मार लेता है, पर उत्तराखंड में तो स्कूटर भी पैसे खा जाता है। पांच लीटर की टंकी में 35 लीटर तेल डाला गया। रैली के दौरान जब पीएम यह तंज कस रहे थे तो मंच पर बैठे कई भाजपा नेताओं के चेहरे की हवाइयां उड़ गई।

आपदा के दौरान का यह मामला तत्कालीन सीएम विजय बहुगुणा के कार्यकाल का है। पीएम ने प्रदेश सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक ही मुद्दा उठाया, जिसने भाजपा को बढ़ता दिलाने की जगह कांग्रेस को फ्रंटफुट पर ला दिया। बुधवार को दिनभर प्रदेश सरकार और कांग्रेस इसी मुद्दे को भुनाने में लगी है, जबकि भाजपा डिफेंसिव मोड में आ गई है।

इस मुद्दे से जुड़े तमाम घटनाक्रम पर केंद्रीय नेतृत्व की नजर है। सियासी आपदा प्रबंधन के लिए प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट लगे रहे। चुनावी दौर होने के चलते भाजपा कोई जोखिम उठाने की स्थिति में नहीं है, लेकिन अब एक खेमा इसकी पड़ताल में जुट गया है। अपने अपने संपर्क सूत्रों के सहारे दिनभर सूचनाएं जुटाने में नेता लगे रहे।

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »