रंवाल्टा और जौनपुरी समुदाय को राज्य में मिला ओबीसी का लाभ
देहरादून : रंवाल्टा, जौनपुरी समुदाय को वर्ष 2011 में ही भारत सरकार के पिछड़ा वर्ग की केंद्रीय अनुसूची में जोड़ दिया गया था, लेकिन केंद्रीय पिछड़ा वर्ग की अनुसूची में साफ्टवेयर की त्रुटि के कारण वर्ष 2011 की जगह 1993 दर्शाया जा रहा था।
राज्य गठन के 16 साल से ओबीसी के आरक्षण से वंचित उत्तरकाशी की यमुना घाटी एवं जनपद टिहरी के थत्यूड़ ब्लॉक में निवासरत रंवाल्टा एवं जौनपुरी समुदाय को अब केंद्रीय नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। राज्य सरकार ने त्रुटि सुधारते हुए इस संबंध में बृहस्पतिवार को शासनादेश जारी कर दिया।
समाजसेवी डॉ. कपिल देव रावत इस मुद्दे को लेकर लंबे समय से संघर्षरत थे। डॉ. कपिल ने बृहस्पतिवार को प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी कि उत्तराखंड के अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग की संस्तुति पर उत्तरकाशी की यमुना घाटी और टिहरी के थत्यूड़ विकासखंड में निवासरत रंवाल्टा और जौनपुरी समुदाय को केंद्रीय अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल किया गया था।
इसके चलते दोनों समुदाय के लोग उत्तराखंड के बजाय उत्तर प्रदेश के निवासी दर्शाये जा रहे थे और वहां के लोगों को ओबीसी प्रमाण पत्र न मिलने से केंद्र सरकार की नौकरियों में आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा था। अब इस शासनादेश के बाद उत्तरकाशी के जौनपुर व रवाईं क्षेत्र के एक लाख से अधिक युवाओं को आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।