गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने का प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं : पंत

- सरकार गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के विचार पर है तैयार
नैनीताल : जहाँ एक ओर प्रदेश के विधान सभा अध्यक्ष गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की बात कह रहे हैं वहीँ सूबे के संसदीय कार्य व वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि सरकार गैरसैण विधानसभा सत्र में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के किसी भी संकल्प पर विचार को तैयार है। वहीँ उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के बयानों से इतर यह भी जोड़ा कि गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने का प्रस्ताव अभी तक सरकार के पास विचाराधीन नहीं है।
उन्होंने विधानसभा सत्र में विपक्ष के बजाय सत्ता पक्ष के विधायकों के अधिक सवाल होने को सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल मानने से इन्कार करते हुए कहा कि 1200 से अधिक सवाल आना विधायकों की राज्य व क्षेत्र के प्रति सक्रियता और संजीदा होने का परिणाम है।
प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि किसी भी राज्य की सुदृढ़ आर्थिक व्यवस्था के लिए राज्य के वित्तीय संसाधनों में वृद्धि, अवस्थापना सुविधा के विकास के लिए धनराशि की आपूर्ति तथा मितव्ययता सरीखे तीन सूत्र अहम् हैं। इन्हीं को सार्थक करते हुए प्रदेश सरकार क्रियाशील है। जिसके चलते वह राज्य के वित्तीय संतुलन को कायम रखने में कामयाब हो रहे हैं। दावा किया कि आगामी पांच वर्षों में राज्य सुदृढ़ अर्थव्यवस्था के साथ स्थापित होगा।
राज्य अतिथि गृह में हुई पत्रकार वार्ता में वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य का पहला बजट मुख्यत: शिक्षा व स्वास्थ्य पर फोकस कर बनाया गया है। इसमें 1380 करोड़ रुपया सामान्य शिक्षा के क्षेत्र में रखा गया है, जबकि मेडिकल के लिए 265 करोड़ रुपया रखा, जिसकी स्वीकृतियां जारी की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि आमतौर पर राज्य के पास संसधान कम होने का दुष्प्रचार किया जाता है, जो कोरी बयानबाजी है। राज्य सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष में 42352 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। जिसमें से 20357 करोड़ रुपया का एलाटमेंट जारी कर दिया गया है। जो बजट का लगभग आधा भाग है जिसे मात्र 6 माह में जारी किया गया है। इसके सापेक्ष अब तक 8247 करोड़ रुपया खर्च भी किया जा चुका है।
खर्च की धीमी प्रगति पर नाराज दिखे मंत्री ने कहा कि इस बाबत विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए जा चुके हैं। कहा है कि वह बजट के प्रस्ताव व रिलीज होने पर व्यय के लिए भी समयबद्धता तय करें। इसकी भी लगातार मानीटरिंग की जा रही है। अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह अपनी कार्यपद्धति बदलें। खर्च न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर चरणबद्ध रूप से भविष्य की अवमुक्त प्रक्रिया निर्धारित की जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार संसाधन बढ़ाने के लिए भी प्रयासरत है। २इस वर्ष यह लक्ष्य 15057 करोड़ रूपया रखा गया है। जिन्हें टैक्स, रेवेन्यू, स्टेट एक्साइज, स्टाम्प समेत 8 प्रमुख सैक्टर से धनराशि प्राप्त की जाएगी। अब तक 9500 करोड़ रुपया प्राप्त कर चुके हैं, जो काफी बेहतर है।
पहाड़ में तेजी से फैल रहे शराब के कारोबार पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में प्रदेश में 526 शराब की दुकान थी, जो भाजपा शासन में 509 रह गई हैं। कर्मचारियों की हड़ताल के सवाल पर कहा कि कर्मचारियों को बोनस व एरियर का भुगतान किया जा चुका है। एसीपी के मामले को कर्मचारी एसीपी समिति के समक्ष रखें। उन्हें निर्देशित किया जाएगा। इस मौके पर शांति मेहरा, गोपाल रावत, मनोज जोशी, राजेंद्र मेहरा, दयाकिशन, हरीश राणा आदि मौजूद रहे।