प्रदेश के 1095 गांव खाली तथा 3.97 हजार हेक्टेयर भूमि हो गयी बंजर : सुबोध

- सरकार ने किसानों के हितों के लिए कई योजनाएं शुरू की
- 12 हजार करोड़ के करीब है पूरे प्रदेश में किसानों पर कर्जा
- किसानों के हित में राज्य सरकार ने 6 माह के कार्यकाल में लिए 50 से अधिक निर्णय
- चकबंदी के लिए वीर माधो¨सह भंडारी के नाम पर हर ब्लॉक में एक गांव का होगा चयन
उत्तरकाशी : कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने भटवाड़ी में कहा कि उत्तराखंड में करीब 11 सौ गांव वीरान हो चुके हैं और चार हज़ार हेक्टेयर के करीब जमीन भी बंजर हो चुकी है। सरकार पलायन रोकने के लिए ठोस योजना तैयार कर रही है इसके लिए पलायन आयोग का गठन किया गया है । वहीँ कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि जिन किसानों ने कर्जा माफी की आस लगाई वे ऐसे किसानों से माफी चाहते हैं। उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य पहले ही 45 हजार करोड़ के कर्जे में डूबा है। इसी कर्ज का हर वर्ष करोड़ों का ब्याज चुकाना पड़ रहा है। पूरे प्रदेश में 12 हजार करोड़ के करीब किसानों पर कर्जा है। जिससे माफ करना संभव नहीं है। लेकिन, सरकार ने किसानों के हितों के लिए कई योजनाएं शुरू की है। जिससे किसान कर्जा चुकाने में सक्षम हो सकते हैं ।
भटवाड़ी के स्वास्थ्य जागरूकता, कृषि, पर्यटन एवं सांस्कृतिक विकास मेले के तीसरे दिन बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए प्रदेश कृषि उद्यान एवं फल उद्योग मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र में कृषि और बागवानी को बढ़ावा देने के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि उपला टकनौर क्षेत्र में सेब के साथ ही यहां राजमा व अन्य बेमौसमी फसल का अच्छा उत्पादन होता है। जिसके गंगोत्री विधानसभा क्षेत्र में पांच कोल्ड रूम व दो कलेक्शन सेंटर बनायें जायेंगे। उन्होंने उत्तराखंड में विरान हो चुके गांवों के आकड़े भी रखे।
भटवाड़ी रामलीला मैदान में आयोजित विकास मेले में कृषि मंत्री ने कहा राज्य सरकार ने 6 माह के कार्यकाल में 50 से अधिक निर्णय किसानों के हित में लिए हैं। राज्य के कृषि विज्ञान केंद्रों में जिलाधिकारी समन्वयक होंगे। जिससे किसानों को अधिक फायदा मिल सके। उन्होंने कहा कि 95 विकासखंडों की प्रत्येक न्याय पंचायत में वीर भड़ माधो सिंह भंडारी के नाम से मैं एक गांव को चकबंदी के लिए चयन कर रहे हैं। जिन गांवों में सामूहिक खेती की प्रथा आज भी विद्यमान है। उक्त गांव में कृषि के क्षेत्र में 15 लाख खर्च किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य बनने के दौरान प्रदेश में लोगों का एक नारा था कि कोदा झंगोरा खायेंगे,अपना राज्य बनायेंगे। लेकिन आज अधिकांश लोग मैदानों की ओर रुख कर रहे हैं। प्रदेश के 1095 गांव तथा 3.97 हजार हेक्टेयर भूमि बंजर हो गई है। वहीं कृषि के क्षेत्र में सत्रह साल में 15 प्रतिशत की कमी आई है। कहा कि पर्वतीय क्षेत्र के गांव से हो रहे पलायन को रोकने के लिए सरकार कृषि बागवानी पर कार्य कर रही है।
काबीना मंत्री उनियाल ने कहा कि कृषि को बढ़ावा देने के लिए सरकार हर ग्राम पंचायत में कृषि यंत्र बैंक खोलने जा रही है। जहां से किसान किराये पर कृषि यंत्र का प्रयोग कर खेती कर सकेगा। कहा कि बंदरों के आंतक से निजात दिलाने के लिए सरकार कृषि एवं वन विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर फलदार पेड़ लगाने की योजना बनाई जा रही है। इस मौके पर उन्होंने मेले में टकनौर क्षेत्र के रैथल महिला मंगल दल के साथ रासौ तांदी नृत्य भी लगाया और शॉल देकर सम्मानित किया।
इस मौके पर गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह रावत, ब्लॉक प्रमुख चंदन सिंह पंवार, हरीश सेमवाल, पूर्व ब्लॉक प्रमुख सुरेश चौहान, सुधा गुप्ता, सलाहकार एनएम मलाशी, डीएम डॉ. आशीष चौहान, मुख्य विकास अधिकारी विनित कुमार, पुलिस अधीक्षक ददन पाल, डीएफओ संदीप कुमार, उपजिलाधिकारी देवेंद्र नेगी आदि मौजूद थे।