लोकगायक नेगी दम्पति के वैवाहिक जीवन के 37 वर्ष पर उन्हें भेंट की गयी गीतांजलि
- तीन जून 1981 को पवित्र बंधन में बधें थे नेगी दम्पति
- स्व. चंद्र सिंह राहीजी के सबसे छोटे बेटे हैं राकेश भारद्वाज
- राकेश व नेहा खंकरियाल ने ”दिन क्या रात” को नई शैली में ढाल कर गाया
देहरादून : उत्तराखंड के लोकप्रिय गायक नरेंद्र सिंह नेगी और उषा नेगी ने वैवाहिक जीवन के 37 वर्ष पूर्ण कर लिये है, 3जून 1981 नरेंद्र सिंह नेगी और उषा विवाह के पवित्र बंधन में बधें। उत्तराखंड के लोकजीवन संस्कृति कला में इस परिवार का अतुलनीय योगदान है। जनससरोकार , संस्कृति परंपरा और पहाडों से जुडी भावुकता के अनगिनत गीत नेगीजी ने लिखे और गाए हैं।
इस परिवार की अपनी खास अहमियत है। नरेंद्र सिंह नेगी और उनकी पत्नी को इस अवसर पर इससे अच्छी भेंट क्या हो सकती है अगर उनका ही गाया कोई गीत आधुनिक शैली में समर्पित किया जाए। इस दिशा में यूफोरिया के राकेश भारद्वाज ने डा. सतीश कालेश्वरी का लिखा और नेगीजी का गाया दिन क्या रात को नई शैली में ढाल कर संवारा गाया।
युवा गायिका नेहा खंकरियाल के साथ इस गीत की विडियो रिकार्डिंग तैयार की गई है। इसका उद्देश्य यही है कि एकदम नई पीढी भी नेगीजी के गीतों से परिचित हो। इसलिए संगीत में कुछ सुंदर सा बदलाव है हा मौलिकता बनी हुई है। बस नई पीढी उसी गीत को अपनी तरह से सुनेगी। इसमें नए साजों का उपयोग है नई तकनीक को लाया गया है।
राकेश भारद्वाज उत्तराखंड लोक गायकी और वादन के क्षेत्र में चर्चित स्व चंद्र सिंह राहीजी के सबसे छोटे बेटे हैं। दुनिया में विख्यात यूफोरिया राक बैंड से जुडे हैं। आज राकेश अपनी टीम के साथ श्री नेगीजी के आवास पर गए उन्हें शुभकामना दी और इस वडियो गीत को नेगीजी और उनकी पत्नी को भेंट किया।