Uttarakhand

मौसम विभाग की अगले 48 घंटे भारी बारिश की चेतावनी

25 दिन से बंद पड़ा गोमुख ट्रैक मार्ग अब तक खोला नहीं जा सका

बारिश की वजह से पर्वतीय इलाकों में बढ़ा  भूस्खलन का खतरा

देहरादून में फटा बादल,  तालाब बनीं सड़कें, स्कूलों में की गयी छुट्टी

देहरादून : आने वाले दो द‌िन उत्तराखंड के ल‌िए भारी गुजरनेव वाले हैं। मौसम व‌िभाग ने प्रदेश के सात ज‌िलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इसके साथ ही कई जगह पर तेज बारिश से बाढ़ के आसान भी हो सकते हैं

उत्तराखंड में आमतौर बादल फटने की घटनाएं पहाड़ी क्षेत्रों में होती हैं, लेकिन गुरुवार को दून शहर के बीचों-बीच बादल फटा। इससे किसी तरह का नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन शहर की सड़कें तालाब में तब्दील हो गईं। भारी बारिश के चलते देहरादून के डीएम ने शुक्रवार को 12वीं तक सभी स्‍कूलों में अवकाश घोषित किया है। वहीं, हरिद्वार के जिलाधिकारी दीपक रावत ने जिले के सभी स्कूल कालेजों और आंगनबाड़ी केंद्रों को शुक्रवार को बंद रखने का आदेश दिए हैं।

देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि दोपहर बाद तीन बजे से चार बजे के बीच शहर में 91 मिमी बारिश हुई, जबकि 100 मिमी बारिश होने को बादल फटने कहा जाता है। उन्होंने बताया कि इतनी बारिश को बादल फटने जैसी घटना माना जा सकता है। 

हालांकि उन्होंने इसे आश्चर्यजनक नहीं माना, कहा कि देहरादून के राजपुर क्षेत्र में इतनी बारिश होती रहती है। मौसम केंद्र के निदेशक के अनुसार अगले 24 घंटों में प्रदेश में भारी बारिश होने की संभावना है।

मौसम व‌िभाग के मुताब‌िक, बारिश की वजह से भूस्खलन और जान-माल का नुकसान भी हो सकता है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के तहत बुधवार को प्रदेशभर में बादल छाए रहे। कुछ जगहों पर तेज बारिश भी हुई।

वहीँ दूसरी ओर टिहरी झील का जलस्तर भी 800 मीटर के निशान को पार कर गया। हालांकि अभी यह लाल निशान (815 मीटर) से काफी दूर है, लेकिन टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट ने प्रशासन को पत्र लिख इसकी सूचना दे दी है।

राजधानी में भी दिनभर रुक-रुककर बूंदाबांदी होती रही। मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, चमोली, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और पिथौरागढ़ में अगले 48 घंटे भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।

उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होगी। राजधानी में भी एक या दो दौर की बारिश हो सकती है। बारिश की वजह से भूस्खलन का खतरा भी मंडरा रहा है।गढ़वाल मंडल के पर्वतीय जिलों सहित देहरादून, हरिद्वार व कुमाऊं मंडल में रुक-रुक कर हो रही वर्षा से जनजीवन प्रभावित हो गया है। मौसम विभाग ने अगले 72 घंटे राज्य के लिए भारी बताए हैं।

लगातार हो रही वर्षा से मलबा आने के कारण बदरीनाथ हाइवे कई जगह बंद है। इससे मंगलवार रात से लगभग 400 यात्री बदरीनाथ में फंसे हुए हैं। बारिश के चलते हाइवे को अभी तक खोला नहीं जा सका है। वहीं, 200 के करीब जिन यात्रियों को पांडुकेश्वर, पीपलकोटी, चमोली आदि यात्रा पड़ावों पर रोका गया था, उन्हें प्रशासन ने सुविधानुसार आगे बढ़ने या लौटने की अनुमति दे दी।

कुमाऊं मंडल में भी भारी बारिश से भारत-चीन सीमा पर स्थित नाम्पा नदी पर बना लकड़ी का पुल बहने से अंतिम गांव कुटी देश-दुनिया से अलग-थलग पड़ गया है। ऐसे में आदि कैलास जा रहे 13वें यात्रा दल को गुंजी में ही रोक दिया गया।

गंगा सहित राज्य की प्रमुख नदियां भी खतरे के निशान के आसपास बह रही हैं। राज्य के लगभग 70 संपर्क मार्ग बाधित होने से कई गांवों का संपर्क टूट गया है। इन गांवों में कई दिनों से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित है। कोटद्वार में सड़क पर पेड़ गिरने से तीन बाइक सवार घायल हो गए, वहीं कर्णप्रयाग मार्ग पर एक टैक्सी वाहन पर पहाड़ से बोल्डर गिरने से सात यात्री घायल हो गए। उत्तरकाशी में करीब 25 दिन से बंद पड़ा गोमुख ट्रैक भी अब तक खोला नहीं जा सका है। गंगोत्री हाईवे लालढांग के पास बंद हो गया था, जिसे सुचारु कर दिया गया। यमुनोत्री हाईवे पर भी यातायात सुचारु है।

राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि अगले 72 घंटों के दौरान देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, चमोली, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर व पिथौरागढ़ जिलों में कई स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है। मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने भी सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट रहने की सलाह दी है।

हरिद्वार में गंगा का जलस्तर घटने के क्रम में है। आपदा कंट्रोल रुम से मिली जानकारी के अनुसार छह बजे जलस्तर 292.55 मीटर पर रेकॉर्ड किया गया है। जो चेतावनी लेवल 293 मीटर से कम है। एडीएम वित्त एवं राजस्व डाक्टर ललित नरायन मिश्र ने बताया स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।

devbhoomimedia

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