“मैं बिखर गई थी लेकिन कभी नहीं सोचा कि मर जाउंगी” : सोनाली बेंद्रे
कैंसर से जंग की सोनाली बेंद्रे ने बताई कहानी
- सोनाली बेंद्रे को हाई ग्रेड कैंसर हुआ था, जिसे उन्होंने हरा दिया है
- सोनाली ने कहा कि इलाज के वक्त उनके दिमाग में कभी मौत की बात नहीं आई
- एक मैग्जीन के कवर के लिए सोनाली ने खूबसूरत फोटोशूट भी करवाए
पिछले साल सोनाली बेंद्रे को हाई-ग्रेड कैंसर होने की खबर आने के बाद सभी को झटका लगा था। हाल में जब सोनाली, कैंसर से जंग जीत कर अमेरिका से भारत वापस लौटीं, तो वो दुनियाभर के कैंसर मरीजों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गईं। कैंसर एक गंभीर रोग है, जिसका एहसास किसी भी इंसान को तोड़ सकता है। सोनाली बेंद्रे ने हाल में हार्पर्स बाजार मैग्जीन को दिए अपने इंटरव्यू में कैंसर से जंग की अपनी कहानी बताई और मैग्जीन के कवर के लिए फोटोशूट भी करवाया जिसमें वो काफी खूबसूरत लग रही हैं। फोटोज में सोनाली पूरे जोश में नजर आ रही हैं।
- कैंसर का पता चलते ही सोनाली को झटका लगा
सोनाली ने इंटरव्यू में बताया कि उन्हें जब कैंसर का पता चला तो उन्हें झटका लगा, क्योंकि वो खुद को एक हेल्दी और फिट इंसान समझती थीं। उन्होंने कहा, “पीईटी स्कैन रिपोर्ट में जब यह दिखाया गया कि मेरे पूरे पेट में कैंसर है, जैसे परियों ने रोशनी बिखेर दी हो, और डॉक्टर्स ने ये बताया कि इसके ठीक होने का चांस सिर्फ 30% है, तो मैं टूट गई थी।
“सोनाली ने कभी भी अपने कैंसर को छुपाने की कोशिश नहीं की। जुलाई 2018 में उन्होंने ये फैसला किया कि वो अपनी सेहत और कैंसर की खबरें पब्लिक को बताएंगी। इसके साथ ही सोनाली कैंसर के इलाज के दौरान भी सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें पोस्ट करके अपने फैंस को अपनी सेहत के बारे में अपडेट देती रही थीं।
- मैंने मौत के बारे में कभी नहीं सोचा
सोनाली बेंद्रे ने इस इंटरव्यू में यह भी बताया कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज के दौरान भी उन्होंने कभी भी मौत के बारे में नहीं सोचा। उन्होंने कहा, “मेरे मन में कभी मौत का विचार नहीं आया। मुझे यह पता था कि ये जंग (कैंसर से) लंबी चलने वाली है, मगर मैंने मरने के बारे में नहीं सोचा।” सोनाली ने बताया इस पूरी लड़ाई के दौरान उनका सपोर्ट सिस्टम उनका परिवार और नजदीकी दोस्त थे। हाल में ही एक अन्य इंटरव्यू में सोनाली ने कहा था, “मेरी जिंदगी में डर की कोई जगह नहीं है।”
- कैंसर के मरीजों को सोनाली ने खास सलाह
सोनाली कहती हैं, “मैंने अब अपने शरीर की आवाज सुननी शुरू कर दी है। मेरा शरीर अभी-अभी नॉर्मल हुआ है और मेरे लिए अब एक नई यात्रा है। मैं कैंसर से प्रभावित दूसरी महिलाओं को बताती हूं कि कैंसर से लड़ने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है देखभाल और परिवार और दोस्तों का सपोर्ट।” कैंसर के इलाज के दौरान सोनाली कभी कमजोर नहीं पड़ीं।