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भाजपा के राष्ट्रवाद पर हरीश रावत का कुमाऊंवाद हावी !

  • नैनीताल और अल्मोड़ा -पिथौरागढ़ लोक सभा 
  • भाजपा की राह में खुद भाजपाई ही रोड़ा अटकाने में जुटे 
  • 166 से अधिक भाजपा पदाधिकारियों का सामूहिक इस्तीफा
  • अजय भट्ट के खिलाफ बाग़ी लड़ चुके प्रमोद नैनवाल पर बवाल 

राजेन्द्र जोशी 

देहरादून : भाजपा के हिन्दू राष्ट्रवाद के खिलाफ कुमायूं मंडल की दो लोकसभा सीटों पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कुमाऊं वाद भारी पड़ता नज़र आ रहा है । जिसका प्रभाव नैनीताल लोकसभा सीट सहित अल्मोड़ा -पिथौड़ागढ़ सीट पर साफ़ नज़र आ रहा है, कुमाऊँ मंडल की इन दो लोकसभा सीटों पर भाजपा की राह में खुद भाजपाई ही रोड़ा अटकाने में लगे हुए हैं ।पार्टी के कर्ता-धर्ताओं के कृत्यों के चलते अल्मोड़ा लोकसभा के अंतर्गत आनेवाली रानीखेत, द्वाराहाट और सल्ट विधानसभा सीटों के 160 से अधिक भाजपा पदाधिकारियों ने सामूहिक इस्तीफा पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को भेज दिया है ।

  • कार्यकर्ताओं ने लगाया जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का आरोप 

यह सब घटना तब हुई जब पार्टी के आला पदाधिकारियों ने रानीखेत विधानसभा पर हुए 2016 के विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के खिलाफ बाग़ी होकर चुनाव लड़ चुके प्रमोद नैनवाल को गुरुवार को पार्टी में शामिल कर दिया गया था। इससे आक्रोशित भाजपा कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार देर शाम भाजपा कार्यकर्ताओं जिनमें जिला , नगर , तीन मंडलों द्वाराहाट, सल्ट और रानीखेत के अध्यक्षों सहित तमाम पदाधिकारियों , बूथ संयोजकों, सह संयोजकों सहित पन्ना प्रमुखों और शक्ति केंद्र के संयोजकों जिनकी संख्या 166 से अधिक बतायी गयी है ,ने इस्तीफा दे डाला । अपने इस्तीफे में कार्यकर्ताओं ने जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का आरोप लगाया है।

  • भाजपा के गृह युद्ध का लाभ कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशियों को

रानीखेत से मिली जानकारी के मुताबिक़ पार्टी में इतने बड़े पैमाने पर घमासान का अल्मोड़ा और नैनीताल सीट पर चुनाव लड़ रहे भाजपा प्रत्याशियों पर प्रभाव पड़ने से इनकार नहीं किया जा सकता है । राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भाजपा के इस गृह युद्ध का लाभ कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशियों को अपरोक्ष रूप से मिलना तय है।

  • भाजपा के केदार जोशी को तीनों मंडलों के पदाधिकारियों ने किया कठघरे में खड़ा 

वहीं भाजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने मामले कि गंभीरता को देखते हुए पार्टी के आला नेता भगतसिंह कोश्यारी को मामले का हल निकलने की जिम्मेदारी दी है अब यह देखना होगा कि कोश्यारी कैसे इस मामले का हल निकाल पाते हैं क्योंकि प्रमोद नैनवाल को पार्टी में शामिल करने के लेकर भाजपा के केदार जोशी को तीनों मंडलों के पदाधिकारियों ने कठघरे में खड़ा कर दिया है कि उन्ही की पहल पर अजय भट्ट की राह में बीते विधानसभा चुनाव के दौरान कांटे उगाने वाले प्रमोद नैनवाल को कैसे पार्टी में वापस लिया गया है। ऐसे कार्यकर्ताओं ने उनको निष्काषित करने की मांग पार्टी के प्रदेश नेतृत्व से की है ।और केदार जोशी को कुमायूं मंडल विकास निगम के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग कि है।

  • चुनाव कार्यालय बंद कर पार्टी द्वारा उन्हें दी गयी गाड़ियाँ तक की वापस

पार्टी के सूत्रों ने बताया है कि इन तीनों मंडलों के पदाधिकारियों ने पार्टी के चुनाव कार्यालय बंद कर और पार्टी द्वारा उन्हें दी गयी गाड़ियाँ तक वापस भिजवा दी हैं इतना ही नहीं ये सब पदाधिकारी घर बैठ गए हैं । चर्चा है कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और नैनीताल लोकसभा से चुनाव लड़ रहे अजय भट्ट स्वयं भी केदार जोशी द्वारा प्रमोद नैनवाल को पार्टी में वापसी पर क्षुब्ध हैं। हालांकि चुनाव में व्यस्तता के चलते उनका अभी इस मामले में कोई बयान नहीं आया है ।

  • भाजपा ही खुद कांग्रेस को मदद करती नज़र आ रही

कुल मिलाकर अल्मोड़ा और नैनीताल लोक सभा सीटों पर भाजपा ही खुद कांग्रेस को मदद करती नज़र आ रही है और इन दोनों सीटों पर भाजपा के राष्ट्रवाद के आगे हरदा का कुमाऊँवाद हावी नज़र आ रहा है जो कहीं न कहीं कांग्रेस को फायदा पंहुंचा रहा है ।

  • भाजपा में कुमायूं की लीडरशिप को लेकर उठते  सवाल 

ऐसा लगता है कि हरीश रावत कुमायूं के लोगों को यह समझाने में सफल हो रहे हैं कि अजय भट्ट के लोकसभा चुनाव हारने और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटने के बाद उनकी राजनीती स्वतः ही समाप्त हो जायेगी । भगत सिंह कोश्यारी के टिकट कटने से उनको पहले ही पहले ही पार्टी ने ठिकाने लगा दिया है । इस प्रकार भाजपा में कुमायूं की लीडरशिप समाप्त हो जाएगी, अतः कुमायूं को लीडरशिप चाहिए तो कुमायूं की जनता को हिन्दू राष्ट्रवाद से हटकर कुमाऊँ वाद का पुरोधा बनाकर कुमायूं की दोनों लोकसभा सीटें कांग्रेस को जीताकर हरीश रावत के हाथ मज़बूत करने पड़ेंगे । ताकि प्रदेश और केंद्र की राजनीती में कुमायूं का वर्चस्व कायम रहे ।

  • कुमायूं की एक मात्र आशा के रूप में हरीश रावत मैदान में

विदित भाजपा ने कुमायूं के बड़े नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी को भाजपा पहले ही मुख्यधारा से किनारे कर चुकी है ऐसे में अब कुमायूं की एक मात्र आशा के रूप में हरीश रावत मैदान में हैं कुल मिलकर 2019 के लोकसभा चुनाव में कुमाऊँ मंडल में भाजपा के राष्ट्रवाद पर हरीश रावत का कुमायूं वाद भारी पड़ता हुआ दिख रहा है।

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