निम्न व मध्यम वर्ग पर नोटबन्दी व जीएसटी का बुरा प्रभाव पड़ा : हरीश रावत

- प्रकाश पांडे की मौत मामले में एक्सपर्ट से जांच कराये सरकारः हरीश
देहरादून । वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि ट्रांसपोर्ट व्यवसायी प्रकाश पांडे ने जहर खाने से पूर्व बयान दिया कि नोटबन्दी व जीएसटी के कारण मेरा कारोबार चैपट हो गया, प्रकाश पांडे द्वारा जल्दबाजी नहीं बल्कि सोच समझकर आत्महत्या करने का निर्णय लिया गया। उत्तराखंड में निम्न व मध्यम वर्ग पर नोटबन्दी व जीएसटी का बुरा प्रभाव पड़ा है। प्रकाश पांडे की मौत पर एक्सपर्ट से अध्ययन कराये जाने की आवश्यकता है।
कांग्रेस भवन में पत्रकारों से बातचीत में हरीश रावत ने कहा है कि सत्ताधारी दल व विपक्ष को भी विचार करना चाहिए कि नोटबन्दी व जीएसटी से मध्यम वर्ग पर क्या प्रभाव पड़ रहा है। बेरोजगारी और भी बढ़ी है। परिसम्पतियों के बंटवारे के मामले में राज्य सरकार एक भी कदम आगे नही बढ़ पा रही है। अखिलेश सरकार के समय जो करार हुआ था उस पर एक कदम भी सरकार आगे काम नहीं कर पाई है और रोड़वेज बसों को संचालित करने से कोई लाभ नहीं होने वाला है और रोडवेज की संपत्तियों का क्या हुआ सरकार जवाब दें।
उन्होंने कहा प्रकाश पाण्डे की मौत के मामले पर किसी एक्सपर्ट से अध्ययन कराने की जरूरत है। राज्य में जब वैट लागू था उस वक्त राज्य की आमदनी अधिक थी, जीएसटी लागू होने के बाद 50 प्रतिशत कम हुआ है। जब केन्द्र सरकार में लोकपाल नियुक्त नहीं कर पाई तो प्रदेश की त्रिवेन्द्र सरकार कैसे लोकायुक्त नियुक्त कर सकती है अब अन्ना हजारे व केजरीवाल का जागर लगाना होगा। पत्रकार वार्ता में केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के विधायक मनोज रावत, जोत सिंह बिष्ट, सुरेन्द्र कुमार, गरिमा दसौनी, सेनि कैप्टन बलवीर सिंह रावत, सुशील राठी, प्रभुलाल बहुगुणा आदि मौजूद रहेे।