CRIME

चर्चित मिर्गी दवा केस में कोर्ट का फैसला, संचालक गुप्ता समेत कई नामी लोगों को कैद

  • पुलिस हिरासत से छुड़ाने के आरोप में कई को अर्थदंड 
देहरादून : ऋषिकेश के हर छोटे बड़े आयोजनों में शामिल होने वाले आरके गुप्ता 13 साल बाद फिर सुर्खियों में आ गए हैं। बुधवार को उन्हें सजा का ऐलान होते ही, उनके क्लीनिक और घर के बाहर फिर हलचल शुरू हो गई। बुधवार को कोर्ट से सजा एलान होते ही तीर्थनगरी ऋषिकेश में हलचल हो गई।
ऋषिकेश स्थित चर्चित नीरज क्लीनिक संचालक डॉ. आरके गुप्ता को कोर्ट ने मिर्गी रोग के इलाज में फर्जी दवा बांटने के आरोप में साढ़े छह साल की सजा सुनाई है। अगस्त 2004 में गिरफ्तारी के दौरान गुप्ता के छुड़ाने के आरोप में ऋषिकेश के 14 कई जाने माने लोगों को भी कोर्ट ने जेल की सुनाई है। इसमें निवर्तमान पालिका अध्यक्ष दीप शर्मा भी शामिल हैं। 
 
सहायक अभियोजन अधिकारी यशदीप श्रीवास्तव ने बताया कि तीन अगस्त 2004 को ऋषिकेश पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ नीरज क्लीनिक में छापा मारा था। क्लीनिक का संचालन डा. आरके गुप्ता कर रहे थे। इस दौरान सामाने आया क्लीनिक में इलाज के नाम पर जो दवाए बांटी जा रही थी, वह फर्जी थीं। पुलिस ने मौके से डा. आरके गुप्ता को हिरासत में लिया तो वहां भीड़ जमा हो गई। भीड़ में शामिल 14 आरोपियों ने मौके पर पुलिस को फर्द काटने से रोकने के साथ ही डा. गुप्ता को पुलिस हिरासत से छुड़ाकर भगा दिया था।
 
इसके बाद उक्त 14 आरोपियों ने ऋषिकेश कोतवाली में भी बवाल किया। जिस पर मुख्य न्यायायिक दंडाधिकारी विवेक द्विवेदी की अदलात ने बुधवार को फैसला सुनाया। अदालत ने आरके गुप्ता को अलग-अलग धाराओं में दोषी पाते हुए कुल साढ़े छह वर्ष की सजा सुनाई है। जबकि अन्य 14 दोषियों को अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई है। सहायक अभियोजन अधिकारी श्रीवास्तव ने बताया कि अदालत के फैसले के तहत दोषियों को सभी सजाएं अलग-अलग काटनी होगी। जुर्माना अदा नहीं करने पर आरके गुप्ता को छह महीने और अन्य दोषियों को दो दो माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। 

मुख्य आरोपी आर के गुप्ता को फर्जीवाड़े में पांच वर्ष सजा और दस हजार रुपये जुर्माना, धारा 224 में एक वर्ष की सजा और एक हजार रुपये जुर्माना, द ड्रग एंड मैजिक रेमेडिज एक्ट में छह महीने की सजा और दस हजा रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। आरोपी को सभी सजाएं अलग-अलग काटनी होंगी। वहीं अस्पताल में गुप्ता के सहयोगी कृष्ण कुमार को कुल साढ़े पांच वर्ष की सजा और साढ़े नौ हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। जबकि गुप्ता को पुलिस हिरासत से छुड़ाने के आरोप में  जय दत्त शर्मा, प्यारेलाल जुगरान, अरविंद शाह, डीएस रावत, राजकुमार अग्रवाल, स्नेह लता, अनीता वशिष्ठ, कविता शाह को अलग-अलग धाराओं में कुल पांच-पांच वर्ष की सजा और आठ-आठ हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है।  जबकि निवर्तमान ऋषिकेश पालिका अध्यक्ष दीप शर्मा के साथ ही अशोक अश्क, यशपाल सिंह पंवार, रवि कुमार जैन ,राहुल शर्मा को कुल चार-चार वर्ष की सजा और साढ़े छह-साढ़े छह हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

ऋषिकेश के जाने माने इन लोगों को भी हुई सजा और जुर्माना  :-

दीप शर्मा: निवर्तमान पालिकाध्यक्ष हैं और राजनीति के क्षेत्र में काफी प्रभावशाली माने जाते हैं। जिस दौरान उन पर डा. गुप्ता को पुलिस कस्टडी से छुड़ाने का केस दर्ज हुआ था तब भी शर्मा नगर पालिकाध्यक्ष थे।

स्नेहलता शर्मा: पूर्व पालिकाध्यक्ष और भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य हैं। ऋषिकेश के राजनीति में अब भी अच्छा खासा दखल है। सजा के बाद राजनीति को झटका लगना तय है। 

अनिता वशिष्ठ:  तत्कालीन कांग्रेस सरकार में दर्जाधारी राज्य मंत्री रह चुकी हैं और वर्तमान में कांग्रेस की सक्रिय कार्यकर्ता हैं। कई बार पार्षद रह चुकी हैं। ऐन निकाय चुनाव से पहले सजा से लगा झटका। 

कविता शाह: निवर्तमान पालिका सभासद हैं और भाजपा महिला मोर्चा में पदाधिकारी हैं। कविता पर भी बवाल में शामिल होने का आरोप। वर्तमान में शहर की राजनीति में जाना पहचाना नाम है। 

राहुल शर्मा: नगर पालिका के पूर्व सभासद हैं और कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता हैं और वर्तमान में नगर निगम में पार्षद का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे 

हैं। 

रवि जैन: पालिका के पूर्व सभासद हैं। वर्तमान में बहुजन समाज पार्टी के पदाधिकारी हैं और टूर एंड ट्रैवल्स का कारोबार है। सजा के ऐलान से मुश्किल में फंसे। 

अरविंद शाह: कुम्हारबाडा, पुष्कर मंदिर मार्ग निवासी अरविंद शाह नगर पालिका के पूर्व सभासद हैं और शहर के प्रतिष्ठित इंटर कालेज में शिक्षक हैं। सजा मुकर्रर होने से संकट में हैं। 

राजकुमार अग्रवाल: मनिराम मार्ग निवासी राजकुमार अग्रवाल देवभूमि उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के प्रदेशाध्यक्ष हैं और शहर के प्रतिष्ठित व्यापारी हैं। 

प्यारेलाल जुगरान: सोमेश्वर नगर निवासी पालिका के पूर्व सभासद रहे हैं, वर्तमान में जुगरान का  टूर एंड ट्रैवल्स का कारोबार है।

यशपाल पंवार: देहरादून मार्ग निवासी यशपाल पंवार ज्वैलर्स हैं। पंवार ऋषिकेश स्वर्ण आभूषण विक्रेता संघ के अध्यक्ष और मेडिकल स्टोर संचालक हैं। 

अशोक अश्क:  इंदिरा नगर ऋषिकेश निवासी अशोक अश्क पत्रकार हैं। उन पर भी बवाल में शामिल होने का आरोप है। अशोक अश्क को भी चार साल की सजा हुई है। 

जयदत्त शर्मा: आदर्शनगर निवासी जयदत्त शर्मा नगर उद्योग व्यापार मंडल के नगराध्यक्ष हैं। जयदत्त शर्मा को अलग अलग धाराओं में कुल पांच साल की सजा हुई है। 

डीएस रावत: दून रोड स्थित आरके गुप्ता के नीरज क्लीनिक में कर्मचारी थे। रानीपोखरी निवासी रावत को भी पांच साल की सजा सुनाई गई है। 

कृष्ण कुमार उर्फ कृष्णा: नीरज क्लीनिक में सलाहकार के रूप में कार्यरत थे, उन पर भी बवाल के आरोप साबित हुए हैं, साढ़े पांच साल की सजा मिली।  

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