पैसिफिक और पनाश वैली जैसे बिल्डरों को ‘रेरा’ में नोटिस

- ‘रेरा’ में बिना रजिस्ट्रेशन के प्रचार करने पर बड़ी कार्यवाही
- कई अन्य बिल्डरों को भी भेजे जा रहे नोटिस
देहरादून । राजधानी में बिना ‘रेरा’ में पंजीकरण के अपने हाउसिंग प्रोजेक्टों का प्रचार-प्रसार कर रहे बड़े-बड़े बिल्डरों और रिएल एस्टेट कंपनियों पर नियामक प्राधिकरण ने कार्यवाही शुरू कर दी है। इसी क्रम में अब राजधानी को कंक्रीट के जंगल में बदलते हुए बनाये जा रहे बड़े प्रोजेक्ट पैसिफिक और पनाश वैली सहित कई अन्यों को प्राधिकरण ने नोटिस जारी किया गया है। शहर में होर्डिंग और विज्ञापनों के जरिए बिना रजिस्ट्रेशन संख्या के प्रचार करने पर यह कार्यवाही हुई है। इस बीच, ‘रेरा’ उत्तराखंड के नियामक प्राधिकारी एवं सचिव आवास अमित सिंह नेगी ने सभी प्रमोटर व एजेंट्स को निर्देशित किया है कि वह शीघ्र अपनी परियोजनाओं का पंजीकरण अधिनियम के तहत करवाना सुनिश्चित करें।
वहीँ प्राधिकरण के कार्यक्रम प्रबंधक कैलाश चंद पांडे के अनुसार सभी छोटे-बड़े अख़बारों से लेकर क्लासीफाइड तक से ऐसी परियोजनाओं का संज्ञान लिया जा रहा है, जिनके द्वारा बिना पंजीकरण विज्ञापन प्रकाशित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मौजूद समय तक ‘रेरा’ के तहत अभी तक 29 नोटिस जारी किए जा चुके हैं। वहीँ यदि तय अवधि में जवाब देकर कारण स्पष्ट न करने वालों के विरूद्ध भी अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि ‘रेरा’ में अभी तक 185 प्रमोटर ने रजिस्ट्रेश के लिए आवेदन दिए हैं, जिसमें से 17 राज्य सरकार द्वारा दंड सहित तिथि विस्तार किए जाने के बाद आएं हैं।
‘रेरा’ में अभी तक 15 प्रमोटर्स का पंजीकरण हो चुका है और उन्हें पंजीकरण संख्या जारी कर दी गई है। 166 परियोजनाओं में ‘रेरा’ अधिनियम व नियमावली के अनुसार दस्तावेज पूर्ण न होने के कारण आपत्ति प्रेषित की गई है। इनमें से 50 प्रमोटर ने आपित्त का जवाब दे दिया है। उन्होंने बताया कि ‘रेरा’ के तहत 100 रियल स्टेट एजेंट्स ने पंजीकरण का आवेदन किया है, जिसमें से 57 का पंजीकरण कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इसी माह के अंत तक ‘रेरा’ के तहत ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी।