मुख्यमंत्री का प्रयास लाया रंग, GGIC को मिली अत्याधुनिक प्रयोगशाला

- जीजीआईसी राजपुर में सीएम ने किया अत्याधुनिक प्रयोगशाला का उद्घाटन
- सीएसआर मद से संस्थान ने बनायी प्रयोगशाला
- राज्य के अन्य स्कूलों में भी अब होगा यह प्रयोग
देहरादून । त्रिवेन्द्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री बनने के छह माह बाद उन्होंने सूबे के आईएएस अधिकारियों को राज्य के तमाम स्कूलों में भेजकर स्कूलों की जरूरतों एवं मूलभूत आवश्यकताओं की जानकारी लेने को कहा। इसी दौरान सूबे के आईएएस अधिकारी स्कूलों में जाकर बच्चों से मिले और उनकी समस्याओं को उन्होंने सुना। अधिकारियों के भ्रमण के दौरान स्कूलों की आवश्यकताओं से सबंधित अनेक सुझाव प्राप्त हुए। मुख्यमंत्री की यह पहल अब रंग लाती नज़र आ रही है जब सूबे की राजधानी के राजपुर रोड स्थित राजकीय कन्या इंटर काॅलेज में आधुनिक उपकरणों से युक्त इस लैब की स्थापना हो गयी है जिसका शिलान्यास गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा किया गया। अब इस प्रयोगशाला से छात्राएं विज्ञान एवं तकनीक के प्रायोगिक पहलुओं को बेहतर तरीके से समझ सकेंगी।
रोडिक कन्सलटेंसी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा इस प्रयोगशाला के लिए सीएसआर मद से सहायता प्रदान की गई है। इस काॅम्पलेक्स में फिजिक्स, केमिस्ट्री एवं बायोलाॅजी की अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं बनाई गई हैं।
उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि अधिक छात्र संख्याओं वाले कुछ अन्य स्कूलों में भी आधुनिक लैब बनाये जायेंगे। प्रयोग के तौर पर राजकीय कन्या इंटर काॅलेज राजपुर रोड से इसकी शुरूआत की गई है। यह प्रयोगशाला छात्राओं को वैज्ञानिक प्रयोग करने के लिए प्रतिदिन 12 घण्टे खुली रहेगी।
उन्होंने कहा कि आईआईटी मुम्बई के इंजीनियरों द्वारा ’के-यान’ नाम से एक आॅल-इन-वन डिवाइस तैयार की गई है। इस डिवाइस से सैकड़ों विद्यालयों में आॅनलाईन माध्यम से एक स्थान से पढ़ाया जा सकता है। के-यान डिवाइस राजपुर रोड स्थित राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय देहरादून में लगाई गई है,जबकि यह डिवाइस कुछ अन्य स्कूलों में भी लगाई जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए प्रयासरत है। उत्तराखण्ड में 12 छात्र-छात्राओं पर एक अध्यापक तैनात है, यह स्थिति अन्य राज्यों से काफी अच्छी है।
वहीँ कार्यक्रम में मौजूद शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने कहा कि विद्यालयों की स्थिति को मजबूत करने में सबका योगदान जरूरी है। शिक्षक-शिक्षिकाओं को भी बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए अपने कर्तव्यों के साथ-साथ सामाजिक योगदान भी देना होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का विजन है कि जिन स्कूलों में संसाधनों का अभाव है, उन स्कूलों में शिक्षा का उत्थान होना चाहिए।
इस अवसर पर महानिदेशक माध्यमिक शिक्षा कैप्टन आलोक शेखर तिवारी, रोडिक कन्सलटेंसी प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) नीरज बाली, निदेशक एससीईआरटी सीमा जौनसारी, प्रधानाचार्या राजकीय कन्या इंटर काॅलेज राजपुर रोड प्रेमलता बौड़ाई आदि उपस्थित रहे।