ENTERTAINMENT

बॉलीवुड के रोमांटिक स्टार शशि कपूर नहीं रहे

  • कोकिलाबेन अस्पताल में ली आखिरी सांस

मुंबई: बॉलीवुड की  बड़ी शख्सियत और रोमांटिक एक्टर शशि कपूर अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने सोमवार को मुंबई के कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल में अंतिम सांसें ली।काफी लंबे समय से बीमार चल रहे शशि कपूर को कुछ ही दिन पहले अस्पताल में भर्ती हुए थे। इस खबर की पुष्टि एक्टर रणधीर कपूर ने खुद दी। उनके देहांत के बाद बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई। हिंदी जगत के कई बड़ी हस्तियों ने ट्विटर पर श्रद्धांजलि भी दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शशि कपूर के निधन पर शोक प्रकट करते हुए लिखा कि शशि कपूर की बहुमुखी प्रतिभा उनकी फिल्मों और थिएटर में देखी जा सकती है। उनकी शानदार एक्टिंग को आने वाली पीढ़ियां हमेशा याद करते रहेंगे. उनके निधन से दुःखी उनके परिवार और प्रशंसकों के लिए सांत्वनाएं।पीएम मोदी के अलावा अजय देवगन, संजय दत्त, सुष्मिता सेन, बिपाशा बसु, जावेद जाफरी समेत कई बॉलीवुड सेलिब्रिटी ने ट्वीट करते हुए शशि कपूर को श्रद्धांजलि दी।

18 मार्च 1938 को पृथ्वी राज कपूर के घर में जन्मे शशि कपूर ने बतौर बाल कलाकार काम शुरू किया था। 1961 में वह फ़िल्म ‘धर्म पुत्र’ से बतौर हीरो बड़े पर्दे पर आए थे। फ़िल्म ‘चोरी मेरा काम’, ‘फांसी’, ‘शंकर दादा’, ‘दीवार’, ‘त्रिशूल’, ‘मुकद्दर’, ‘पाखंडी’, ‘कभी-कभी’ और ‘जब जब फूल खिले’ जैसी करीब 116 फिल्मों में अभिनय किया था. जिसमें 61 फिल्मों में शशि कपूर बतौर हीरो पर्दे पर आए और करीब 55 मल्टीस्टारर फिल्मों के हिस्सा बने थे. ‘दीवार’ फिल्‍म में उनका डायलॉग ‘मेरे पास मां है’ आज भी लोगों की जुबान पर रहता है।

अमिताभ बच्चन के साथ इनकी जोड़ी खूब सराही गई थी।फ़िल्म इंडस्ट्री में शशि कपूर को कई पुरस्कार मिले. 2011 में भारत सरकार की तरफ से उन्हें पद्मभूषण से भी नवाजा गया था। शशि कपूर ने बचपन से ही फिल्‍मों में काम करना शुरू कर दिया था।1940 के दशक में उन्‍होंने कई धार्मिक फिल्‍मों में काम किया। बाल कलाकार के रूप में उनकी सबसे यादगार फिल्‍में हैं ‘आग’ (1948) और ‘आवारा’ (1951). इन दोनों ही फिल्‍मों में उन्‍होंने अपने बड़े भाई राजकूपर के बचपन का किरदार निभाया। बतौर हीरो उन्होंने 1961 में यश चोपड़ा की फिल्‍म ‘धर्मपुत्र’ से बड़े पर्दे पर कदम रखा।

शशि कपूर हिन्दी फ़िल्मों में लोकप्रिय कपूर परिवार के सदस्य थे। साल 2015 में उनको 2014 के दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया था। इस तरह से वे अपने पिता पृथ्वीराज कपूर और बड़े भाई राजकपूर के बाद यह सम्मान पाने वाले कपूर परिवार के तीसरे सदस्य बने थे। वे बॉलीवुड के रोमांटिक स्टार के तौर पर पहचाने जाते थे और बॉलीवुड की हर खूबसूरत और सुपरहिट हीरोइन के साथ बॉक्स ऑफिस पर कामयाबी हासिल की.शशि कपूर आखिरी बार साल 1998 में फिल्‍म ‘जिन्‍ना’ में नजर आए थे। यह पाकिस्‍तान के पहले प्रधानमंत्री मोहम्‍मद अली जिन्‍ना की बायोपिक थी।

 

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »