सेना के पराक्रम पर राजनीती करना भाजपा सरकार की कायरता : सचिन
- घृणा का माहौल बना रही है देश में भाजपा : सचिन पायलेट
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
उत्तरकाशी : राजस्थान के उपमुख्यमंत्री व तेजतर्रार युवा कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि भाजपा देश में नफरत, घृणा व द्वेष की राजनीति कर रही है। जिसकी इजाजत हमारे देश की संस्कृति व इतिहास नहीं देती है। उन्होंने कहा कि झुठे जुमलों से सत्तासीन होने वाली भाजपा सरकार में आज गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी की बात नहीं हो रही हैं। रविवार को उत्तरकाशी में टिहरी लोकसभा सीट के कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह के पक्ष में जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा सेना के पराक्रम पर राजनीती करने को पायलट ने भाजपा सरकार की कायरता बताया। उत्तराखंड की जनता से कांग्रेस को पांचों सीटें कांग्रेस की झोली में डालने की मांग करते हुये सचिन पायलट ने कहा कि उत्तराखंड के विकास को डब्बल इंजन ने ठप किया है।
राजस्थान के उपमुख्यमंत्री ने कहा कांग्रेस से जो विशेष स्टेट का दर्जा उत्तराखंड को दिया था। उसे भाजपा ने छीनने का काम किया है। उत्तराखंड के पहाड़ बेरोजगारी, पलायन, सड़क, शिक्षा व स्वास्थ्य की समस्याओं से जुझ रहा है। लेकिन डब्बल इंजन ने पहाड़ की जनता व यहां के सैन्य परिवारों को बरगला कर वोट तो हासिल किये, लेकिन विकास के वादों का भूल गये।
उन्होंने कहा कि भाजपा ‘टू मैन आर्मी और वन मैन शो’ है। भाजपा ऐसी राजनीति कर रही है कि अगर बीजेपी इस बार सत्ता में आएगी तो शायद देश में फिर कभी चुनाव हों ही ना। इस दौरान उन्होंने भाजपा पर संविधान के स्तंभ को धराशायी करने का आरोप भी लगाया। बीजेपी सरकार की ऐसी नीतियां देखकर ही अब जानता ने मन बना लिया है कि इस बार जुमलेबाजी की सरकार नहीं चलेगी। वहीं उन्होंने भाजपा पर धर्म का सहारा लेकर राजनीति करने का भी आरोप लगाया।
उन्होने कि केंद्र में भाजपा सरकार ने सत्ता पाने की लिए घोषणायें की थी। देश में भारी निवेश होगा, 2 करोड़ युवाओं को रोजगार दिया जायेगा। प्रत्यक परिवार के खाते में 15 -15 लाख दिये जायेंगे। इसके विपरीत उद्योग को ठप्प करने का काम भाजपा ने किया। पूरी तरह से फेल हुई नोटबंदी के कारण देश की आर्थिकी की कमर टूट कर रह गई है। महंगाई का यह आलम है कि गैस सिलेंडर 1 हजार रूपये का हो गया है। सरकारी राशन बंद कर दिये जाने से महंगी सब्जी व खाद्यान्न सामग्री से देश की जनता पूरी तरह से त्रस्त है।