Uttar Pradesh

कई विभाग और लोगों की लापरवाही के कारण हुआ सचेंडी हाईवे पर भीषण हादसा

कानपुर। सचेंडी हाईवे पर मंगलवार रात हुए दर्दनाक हादसा किसी एक की नहीं बल्कि कई विभाग और लोगों की लापरवाही के कारण हुआ है।
एडीजी भानु भाष्कर और कमिश्नर डॉ.राजशेखर ने जांच के आदेश दिए थे कि हादसा क्यों हुआ और क्या कारण थे। शुरुआती जांच में यातायात नियमों का पालन न करना ही हादसे की मुख्य वजह माना जा रहा है। हालांकि अभी तक इतने बड़े मामले में उच्चाधिकारियों की ओर से कोई जिम्मेदारी तय नहीं की गई है।
कानपुर-इटावा मार्ग के सचेंडी में जो भीषण हादसा हुआ उसकी सबसे प्रमुख वजह यही है कि,  कोरोना संक्रमण को देखते हुए परिवहन आयुक्त ने अंतरराज्यीय बस सेवा पर पिछले माह 15 जून तक रोक लगाने के निर्देश दिए थे। जो रोडवेज के साथ निजी बसों पर भी लागू था। परिवहन आयुक्त के निर्देश को दरकिनार कर बसों का संचालन तो किया ही जा रहा है इनमें निर्धारित क्षमता से अधिक सवारियां भी ढोई जा रही हैं। मंगलवार को सचेंडी में दुर्घटनाग्रस्त हुई निजी बस में क्षमता से अधिक सवारी थीइसको आरटीओ अफसरों ने भी स्वीकार किया है

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शहर में कई साल पहले डीजल वाले टेंपो चलन से बाहर कर दिए गए थे। इसके बाद भी पुलिस और आरटीओ की अनदेखी से आउटर क्षेत्र में देहात परमिट पर पंजीकृत इन जर्जर डीजल वाले टेंपो से सवारियां ढोई जा रही हैं। इन टेंपो के चालक क्षमता से अधिक सवारियां बैठाकर चलते हैं। इनमें न तो हेड और बैक लाइट दुरुस्त होती है न ही इनके इंडीकेटर काम करते हैं। मंगलवार को जो टेंपो हादसे का शिकार हुआ,वो भी जर्जर था। उसमें हेडलाइट नहीं थी,बीच में सिर्फ एक एलईडी लाइट लगी थी। इस बात से भी इन्कार नहीं किया जा सकता कि यह भी हादसे की अहम वजह थी।

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फरार बस चालकों का अब तक पता नहीं चल सका 
एडीजी जोन भानु भाष्कर ने बताया कि फरार बस चालकों का अब तक पता नहीं चल सका है। उसकी तलाश के लिए बस मालिक से संपर्क किया जा रहा है,ताकि उनके निवास का पता लगाया जा सके। जल्द ही दोनों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पूरे प्रकरण में सबसे बड़ी गलती बस चालक की ही है।

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