संघ की प्रतिनिधि सभा की बैठक में उठ सकते हैं दिल्ली हिंसा, सीएए के मुद्दे
मार्च से बेंगलुरु में शुरू हो रही है तीन दिन की वार्षिक बैठक
प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
1,400 से अधिक प्रतिनिधि लेंगे हिस्सा
तीन दिवसीय बैठक के दौरान देश भर से 1,400 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे और महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रस्ताव पारित करेंगे।
संघ ने कहा कि विभिन्न इलाकों में काम करने वाले स्वयंसेवकों और विभिन्न संगठनों के जरिए समाज के कई वगोर्ं को अपने अनुभव साझा करने और राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखने के लिए आमंत्रित किया गया है। राष्ट्र सेविका समिति से महिला प्रतिनिधियों को भी बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है।
नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की निर्णय लेने वाली शीर्ष इकाई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की 15 मार्च से शुरू होने वाली तीन दिवसीय वार्षिक बैठक में दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन जैसे मुद्दे उठ सकते हैं।संघ से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की वार्षिक बैठक बेंगलुरु में 15 से 17 मार्च को होगी। प्रतिनिधि सभा संघ की निर्णय लेने वाली शीर्ष इकाई है जो निर्णय लेने और भविष्य की रणनीति पर फैसला करने के लिए साल में एक बार बैठक करती है। सूत्र ने बताया कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी महासचिव (संगठन) बीएल संतोष इस बैठक में भाग ले सकते हैं।
संघ के एक अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि दिल्ली में हालिया हिंसा, नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन समेत कई मुद्दों पर बौद्धिक सत्र के दौरान चर्चा हो सकती है। बैठक की अध्यक्षता सरसंघचालक मोहन भागवत तथा संचालन संघ के सरकार्यवाह भय्याजी जोशी करेंगे।