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वीरचंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना में सरकार ने किए बड़े बदलाव

इलेक्ट्रिक बसों की खरीद पर अधिकतम 50 प्रतिशत या 15 लाख रुपये की मिलेगी सब्सिडी 

वीरचंद्र सिंह स्वरोजगार योजना के तहत अब सरकार होटल और गाड़ी दोनों के लिए देगी ऋण 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : पहाड़ों में स्वरोजगार बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार ने वीरचंद्र सिंह स्वरोजगार योजना में बड़े बदलाव किये हैं। योजना के तहत होटल बनाने और गाड़ी (टैक्सी) खरीदने के लिए रियायती दरों पर ऋण मिलेगा। पहले होटल या गाड़ी किसी एक के लिए ही 33 प्रतिशत ऋण सब्सिडी मिलती थी। इसके साथ इसी योजना में अब इलेक्ट्रिक बसों की खरीद पर अधिकतम 50 प्रतिशत या 15 लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी।

मंथन बैठक के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री आवास पर हुई मंत्रिमंडल की बैठक में तीन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। सरकार ने वीरचंद्र सिंह स्वरोजगार योजना में व्यापक बदलाव किये हैं। योजना के तहत अभी तक होटल या गाड़ी किसी एक के लिए रियायती दरों पर ऋण मिलता था। पहाड़ी क्षेत्र में 33 प्रतिशत और मैदानी में 25 प्रतिशत ऋण सब्सिडी है। लेकिन यह होटल या गाड़ी किसी एक के लिए तय थी। 

बदलाव के बाद अब सरकार होटल और गाड़ी दोनों के लिए ऋण देगी। इलेक्ट्रिक बसों में 50 प्रतिशत या 15 लाख की सब्सिडी प्रदेश में वाहन संचालन करने पर ही मिलेगी। इसके अलावा बस में पर्यटन का प्रचार जरूरी होगा। मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड एडवेंचर समिट 2022 के लिए टूर नालेज पार्टनर तय कर दिये हैं।

फिक्की (फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री) और एडवेंचर टूर आपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया को सहयोगी बनाया है। इसके लिये 25 लाख और 10 लाख का प्रबंधन शुल्क होगा। नालेज पार्टनर के लिये 30 लाख रोड शो के लिए दिये जाएंगे।

वहीं सरकार ने डीम्ड वन क्षेत्र की परिभाषा तय कर दी है। पहले 10 हेक्टेयर से अधिक को डीम्ड वन क्षेत्र माना जाता था, जिसे मंत्रिमंडल ने घटाकर 5 हेक्टेयर वन कर दिया है। इसके साथ जमींदारी और गैर जमींदारी विनाश अधिनियम में दर्ज रिकार्ड को वन माना जायेगा। इसके अलावा डीम्ड वन क्षेत्र के लिए पेड़ों का घनत्व 60 से घटा कर 40 प्रतिशत किया गया। फल और फूल की उद्यान प्रजाति के पेड़ों को वन से बाहर कर दिया गया है।

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