SPIRITUALITY
श्राद्ध पितरों के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता अभिव्यक्त करने कर्म


हिन्दू धर्म में व्यक्ति के अवतरण से लेकर मृत्यु तक अनेक प्रकार के संस्कार किए जाते हैं। उसके बाद परिजन अपने पितरों के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता अभिव्यक्त करने के लिए अथवा उनको याद करने के निमित्त श्राद्ध कर्म करते हैं। वैसे तो पितृ आत्मा की मोक्ष तिथि से ही प्रत्येक मास की अमावस्या को पितरों की पुण्य तिथि के नाम पर श्राद्ध कर्म किया जा सकता है, लेकिन भाद्रपद मास की पूर्णिमा से लेकर आश्विन मास की अमावस्या तक पूरा एक पखवाड़ा हिन्दू धर्म में अपने पूर्वजों को श्रद्धा और कृतज्ञता अभिव्यक्त करने के लिए श्राद्ध कर्म करने का विधान है। इसी को श्राद्ध पक्ष कहते हैं।Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur.