- इससे पहले भी विधायकों के हाथों पिट चुके हैं कई भ्रष्ट
देहरादून : सत्ता के गलियारों सहित राज्य की जनता में भ्रष्टाचार और क्षेत्रवाद का पर्याय बन चुका जिल्लेइलाही का ”गंजा” एक बार फिर कई विधायकों के हाथों पीटने से बाल -बाल बच गया। इससे पहले भी ”गंजा” एक मंत्री सहित कुछ एक विधायकों के निशाने पर रहा है और इनकी ”गंजे” से हाथापाई होने से तो बच गयी लेकिन खूब मुंह बाज़ी भी हुई थी।
किस्सा बीते दो दिन पहले का बताया जा रहा है जब लगभग सात -आठ विधायक उनकी विधानसभाओं में होने वाले कई कार्यों के जिल्लेइलाही की हरी झंडी के बाद ”गंजे ” द्वारा टांग फंसाने से काफी नाराज हो गए थे। बस तब क्या था सारे विधायक एक होकर जा पहुंचे जिल्लेइलाही के ”गंजे ”के ऑफिस में और एक युवा विधायक ने तो ”गंजे ” के कमीज़ का कालर तक पकड़ते हुए उसे उसकी कुर्सी से खड़ा कर दिया। इतने में उनके साथ गए साथी दूसरे विधायक ने जिल्लेइलाही के ”गंजे ” की बाय पास सर्जरी का हवाला देते हुए अपने साथी विधायक का हाथ पकड़ दिया औरजिल्लेइलाही के ”गंजे ” को हिदायत दी की भविष्य में यदि उसने उनके कार्यों में टांग फंसाने की जुर्रत की तो वे पूर्व प्रमुख की कहानी दोहरा सकते हैं।
विधायकों का साफ़ कहना है कि पहाड़ विरोधी मानसिकता के ऐसे लोग या तो उत्तराखंड छोड़ दें या फिर ईमानदारी से पहाड़ के विकास कार्यों को होने दें अन्यथा सबका यही हश्र किया जायेगा। विधायक इतने आक्रोश में थे कि उन्होंने साफ़ -साफ़ यहाँ तक कह दिया ”सरकार” ऐसे लोगों के खिलाफ चाहे निर्णय ले या नहीं लेकिन वे ऐसे भ्रष्ट लोगों को अब इसी तरह सबक सिखाएंगे। विधायकों का यह भी कहना है कि जिल्लेइलाही के ”गंजे ” की हठधर्मिता और पहाड़ के विकास कार्यों में टांग अडाने की पुरानी आदत है। उनका यह भी कहना है की उत्तराखंड में ”राका” के बड़ा यदि सबसे भ्रष्ट कोई है तो वह जिल्लेइलाही का ”गंजा” है। विधायकों का यह भी कहना है कि अभी उत्तराखंड सचिवालय में जिल्लेइलाही के ”गंजे” के नक़्शे कदम पर चल रहे दो-तीन और लोग भी उनके निशाने पर हैं उनसे भी समय आने पर निबटा जायेगा।
मामले के बढ़ते देख आस-पास के स्टाफ भी जिल्लेइलाही के ”गंजे ” के कमरे में ताका -झांकी करने लगे कि आखिर हो हल्ला का माजरा क्या है। वहीँ घटना की खबर पूरे गलियारों में आग की तरह फ़ैल गयी लेकिन जिल्लेइलाही के ”गंजे ”के कुछ सिपहसलारों ने इस पूरे वाकये को गलियारों से बाहर न जाय पूरा जोर लगा दिया। लेकिन कहा जाता है ना कि दीवारों के भी कान होते हैं और जिल्लेइलाही के ”गंजे ” की ये कहानी बाहर आ गयी और अब आपके सामने है।