हरिद्वार: कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नानकर पुण्य प्राप्त किया। शनिवार प्रातः से ही हरिद्वार के गंगा तटों पर श्रद्धालुओं द्वारा गंगा स्नान शुरू कर दिया गया था जो समाचार लिखे जाने तक जारी था । हरिद्वार के सभी गंगा तटों पर में श्रद्धालु गंगा में स्नान करने से पहले हर-हर गंगे का उद्घोष कर रहे है जो गंगा नगरी हरिद्वार के वातावरण को और भी दिव्यता प्रदान कर रहा है .गंगा तटों पर चारों तरफ गूंज रहा यह उद्घोष बहुत ही मधुर अनुभव दे रहा है। वहीँ हरकी पैड़ी और इसके आसपास के गंगा घाट श्रद्धालुओं से भरे हुए हैं।
मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान का बड़ा महत्व है। माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से पूरे वर्ष गंगा स्नान करने का फल मिलता है। इस दिन गंगा के पवित्र नदियों एवं तीर्थों में स्नान का भी बहुत महत्व है। यमुना, गोदावरी, नर्मदा, गंडक, कुरूक्षेत्र, अयोध्या, काशी में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। गंगा स्नान के साथ-साथ दान पुण्य का भी बड़ा महत्व है। कार्तिक पूर्णिमा के स्नान के लिए हरिद्वार में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शुक्रवार शाम से ही पहुंचने शुरू हो गए थे। यूपी, हरियाणा, हिमाचल, पंजाब और दिल्ली से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां गंगा स्नान करने आए हैं।
उल्लेखनीय है कि हिंदू धर्म में कार्तिक के महीने का खासा महत्व होता है। सभी 12 पूर्णिमाओं में कार्तिक मास की पूर्णिमा अपना खास स्थान रखती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व माना गया है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन स्नान करने से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं। इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से पुण्य प्राप्त होता है। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं। मान्यता है कि इस दिन कृतिका नक्षत्र में भगवान भोलेनाथ के दर्शन मात्र से व्यक्ति सात जन्मों तक धनी और ज्ञानी होता है। इस दिन चंद्रमा जब आकाश में उदित हो रहा हो ठीक उसी समय शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन कृतिकाओं का पूजन करने से भोले भंडारी प्रसन्न होते हैं।
वहीँ कार्तिक पूर्णिमा स्नान को देखते हुए हरिद्वार में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने कहा कि स्नान के दौरान अव्यवस्था फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थानों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। एसएसपी ने सभी पुलिस कर्मियों को स्नान पर्व के दौरान सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कहा कि भीड़ नियंत्रण, वाहनों की पार्किंग व्यवस्था एवं डायवर्जन पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि जिले में आने वाले सभी वाहनों की तलाशी ली जाएगी। एसएसपी ने कहा कि प्रत्येक घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस कर्मियों को नियुक्त किया गया है। कहा कि मेला क्षेत्र में हर की पैड़ी, कोतवाली नगर, रेलवे स्टेशन, रोड़ीबेलवाला, कंट्रोल रूम टावर व अन्य स्थानों से सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जा रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पूरे मेला क्षेत्र का निरीक्षण किया।
कार्तिक पूर्णिमा के स्नान को देखते हुए पुलिस प्रशासन में पूरे मेला क्षेत्र को 32 सेक्टर में बांटा है मेला क्षेत्र थाना प्रभारी, 128 उपनिरीक्षक, 17 महिला उपनिरीक्षक, 66 हेडकांस्टेबल, 586 कांस्टेबल, 122 महिला कांस्टेबल, पांच यातायात उपनिरीक्षक, 22 हेड कांस्टेबल यातायात, 46 कांस्टेबल यातायात, दो फायर टैंक के अलावा जल पुलिस से नौ जवान, घुड़सवार पुलिस से दो टीमें, दो बम स्क्वायड, आठ प्लाटून पीएसी तथा एक प्लाटून राहत दल नियुक्त किया गया है। कार्तिक पूर्णिमा के स्नान पर्व की जिम्मेदारी एसपी सिटी ममता वोहरा को दी गई है। एसएसपी ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र को आठ जोन और 32 सेक्टर में विभाजित किया गया है।