Uttarakhand

12 अयोग्य शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में संस्कृत विवि की पूर्व कुलपति पर मुकदमा

  • पूर्व कुलपति डा. सुधा रानी पांडेय के खिलाफ बहादराबाद थाने में मुकदमा दर्ज

हरिद्वार : उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति डा. सुधा रानी पांडेय के खिलाफ बहादराबाद थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। डा. सुधा रानी पांडेय पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2010 में कुलपति पद का दुरुपयोग करते हुए 12 अयोग्य शिक्षकों की नियुक्ति की है। शासन स्तर पर जांच होने के बाद मौजूदा कुलपति डा. पीयूषकांत दीक्षित ने इस बारे में एसएसपी हरिद्वार को शिकायती पत्र दिया था। एसएसपी के निर्देश पर शुक्रवार देर शाम बहादराबाद थाने में डा. सुधा रानी पांडेय के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। पूर्व कुलपति के साथ-साथ नियुक्ति पाने वाले एक प्रोफेसर और 11 असिस्टेंट प्रोफेसर भी कार्रवाई की जद में आ गए हैं।

उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय वजूद में आने के बाद से सुर्खियों में रहा है। कभी शिक्षकों की नियुक्तियों पर सवाल उठे तो कभी कुलपति की महंगी कुर्सी की डिमांड विश्वविद्यालय को चर्चाओं में लाई। वर्ष 2010 में डा. सुधा रानी पांडेय विश्वविद्यालय की कुलपति रही हैं। 

उनके समय में एक प्रोफेसर और 11 असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्तियां की गई थी। समय समय पर इन नियुक्तियों को लेकर सवाल उठते रहे हैं। कई बार राजभवन तक शिकायतें हुई और जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आए। लेकिन कार्रवाई कभी नहीं हुई। लंबे समय से यह प्रकरण ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ था। हालांकि अलग अलग शिकायतों पर शासन स्तर पर जांच चलती रही। शुक्रवार को अचानक ही नियुक्तियों का जिन्न बोतल से बाहर हो गया। पुलिस के मुताबिक विश्वविद्यालय के मौजूदा कुलपति पीयूषकांत दीक्षित ने बीते 31 अगस्त को एक शिकायती पत्र एसएसपी हरिद्वार को दिया था।

शासन स्तर पर सचिव से कराई गई जांच की रिपोर्ट भी एसएसपी को दी गई। एसएसपी ने शिकायती पत्र और सचिव की जांच रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज करने के निर्देश बहादराबाद पुलिस को दिए। देर शाम पुलिस ने डा. सुधारानी पांडेय के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। 

उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार की पूर्व कुलपति डा. सुधा रानी पांडेय का कहना है कि मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज होने की जानकारी अभी तक मेरे संज्ञान में नहीं आई है। मुझे सेवानिवृत्त हुए भी सात साल हो चुके हैं, ठीक से कुछ याद नहीं है। इसलिए इस बारे में कोई कमेंट नहीं करुंगी। लेकिन इतना जरूर कहूंगी कि मेरे कार्यकाल में सभी कार्य नियमानुसार किए गए।

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »