अपनी मातृभूमि, संस्कृति और भाषा को न भूलें : उपराष्ट्रपति
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली : भारत भ्रमण पर निकले उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने उत्तराखंड की देवप्रयाग विधान सभा क्षेत्र के छात्र-छात्राओं से अपनी मातृभूमि से जुड़े रहने का आह्वान किया वहीं उन्होंने कहा कि भविष्य में वह चाहे कितने ही बड़े आदमी बन जाए, लेकिन अपनी मातृभूमि, संस्कृति और भाषा को न भूलें। साथ ही उन्होंने छात्र-छात्राओं को सफलता के मंत्र दिए।
गौरतलब हो कि देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी की पहल पर उनकी विधान सभा क्षेत्र के हाईस्कूल के 55 टॉपर छात्र-छात्राओं को देश के ख्याति प्राप्त संस्थानों का भ्रमण करवाने के साथ ही विभिन्न हस्तियों से मिलवाया जा रहा है। इसी क्रम में बुधवार को छात्र-छात्राओं ने देवप्रयाग विधान सभा के विधायक विनोद कंडारी के साथ बुधवार को उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू के आवास में उनसे मुलाकात की। इस अवसर पर उप राष्ट्रपति ने गुरुजनों और अभिभावकों का अभिनंदन करते हुए बच्चों को भावी सफलता की शुभकामनाएं दी।
वेंकैया नायडू ने छात्रों से कहा कि आप अपने परिवार, समुदाय और देश के लिए कीर्ति अर्जित करें। यही गुरुओं और अभिभावकों के प्रति सबसे महत्वपूर्ण दक्षिणा होगी। उन्होंने ट्वीट कर मेधावी छात्रों के शैक्षणिक भ्रमण के लिए विधायक कंडारी की सराहना करते हुए धन्यवाद भी दिया है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है। यह हमारे महान पूर्वज संतों की पुण्य भूमि है। उत्तराखंडवासियों को प्रकृति का आशीर्वाद प्राप्त है। वन संपदा व जल संसाधन के रुप में उत्तराखंड के पास विकास के सभी साधन उपलब्ध हैं।
वेंकैया नायडू ने कहा यदि प्रकृति ने आपको संसाधन दिए हैं, तो पर्यावरण का संरक्षण करना भी आप सभी का कर्तव्य है। उन्होंने पर्यटन के बारे में बोलते हुए कहा कि पर्यटन अपने आप में शिक्षा का माध्यम है। आप नए अनुभवों से बहुत कुछ सीखते हैं। पर्यटन आपको पूर्ण नागरिक बनाता है। वहीं, देश के उपराष्ट्रपति से मिलकर विधानसभा के छात्र काफी उत्साहित थे ।