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कौथिग का छठवां दिन : उत्तराखंडी लोग होते हैं कठोर मेहनती : भगत दा
उत्तराखंड और महाराष्ट्र की बोली भाषा में काफी समानता
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नवी मुम्बई : रामलीला नेरुल में चल रहे कौथिग महाकुंभ की छठी शाम में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी प्रवासियों की बीच मुख्य अतिथि के रूप पहुंचे. कौथिग प्रांगण में राज्यपाल की अगवानी कौथिग फाउंडेशन के अध्यक्ष हीरासिंह भाकुनी, कौथिग फाउंडेशन के संयोजक केशर सिंह बिष्ट, कार्याध्यक्ष सुशील कुमार जोशी, महासचिव तरुण चौहान व मनोज भट्ट ने की.
कौथिग मंच पर अपने सम्बोधन में राज्यपाल ने कौथिग फाउंडेशन को कौथिग के भव्य आयोजन के लिए बधाई दी व प्रांगण में उपस्थित सभी प्रवासियों को पंचमी की शुभकामनाएं दी. राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड और महाराष्ट्र के खानपान और बोली भाषा में बहुत समानता है और ऐसे में महाराष्ट्र और उत्तराखंड एक ही प्रतीत होते हैं.
महामहिम राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्डी हमेशा कठिन मेहनत के लिये जाने जाते हैं और महाराष्ट्र में जो पहाड़ी पहले होटल, ड्राइवर जैसे मेहनत वाले कामों के लिये आये, आज हम वही उत्तराखण्डी इंजीनियर, डॉक्टर, भवन निर्माता, उद्योगपति और यहां तक कि इस मुंबई में राज्यपाल के रूप में भी कर्मभूमि के विकास में साथ साथ हैं. राज्यपाल कोश्यारी जी का अभिनंदन स्थानीय विधायक मंदाताई म्हात्रे ने किया. मंदाताई म्हात्रे ने अपने सम्बोधन में राज्यपाल के नवीमुम्बई आने पर स्वागत किया.
कौथिग मंच पर राज्यपाल का स्वागत भवन निर्माता व समाजसेवी माधवानंद भट्ट, उद्योगपति गिरवीर नेगी, उद्योगपति नरेंद्र जोशी, कौथिग फाउंडेशन के अध्यक्ष हीरा सिंह भाकुनी, समाजसेवी चामूसिंह राणा, उद्योगपति सुरेश राणा, उद्योगपति जगदीश सामंत, उद्योगपति महेश राजपूत, उद्योगपति मोहन काला, नगरसेवक बहादुर बिष्ट, शिक्षाविद डॉ. योगेश्वर शर्मा, अभिनेता सुधीर पांडे, विधायक मंदाताई म्हात्रे, नगरसेवक सूरज पाटिल, गिरीश म्हात्रे, प्रदीप कुमार, दिनेश चमोली, अशोक मुरारी, भवन निर्माता रतन सिंह बर्तवाल आदि ने किया.