सौ किलोमीटर कम होगी सुरंगों से चारधामों की दूरी
रुड़की : केंद्र सरकार ने चारधाम यात्रा मार्ग पर सुरंग बनाने के उत्तराखंड सरकार के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। हालांकि, इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने से पहले तीन चरणों में इसका गहन अध्ययन किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की के इंजीनियरों की टीम महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। प्रदेश सरकार ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को चारधाम यात्रा मार्ग पर सुरंग बनाकर बीच की दूरी को कम करने का प्रस्ताव भेजा था। इसके तहत चारधाम के बीच लगभग सौ किमी लंबी 14 सुरंग बनाने की योजना है।
ये सुरंग यमुनोत्री से गंगोत्री, केदारनाथ व बदरीनाथ के बीच बनाई जानी हैं। सुरंगों के माध्यम से चारों धाम के बीच की दूरी को 813 किमी से घटाकर 389 किमी तक किया जाना है। पिछले दिनों दिल्ली में हुई बैठक में मंत्रालय की ओर से इस प्रोजेक्ट को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई।
इस प्रोजेक्ट को परखने और उसका अवलोकन करने के लिए आइआइटी रुड़की से गठित चार सदस्यीय टीम के प्रमुख प्रो. प्रवीन कुमार ने बताया कि केंद्र ने इस प्रोजेक्ट पर गहन अध्ययन करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए तीन चरणों में कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
सर्वप्रथम उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करेगा। फिर एक महीने के भीतर आइआइटी रुड़की को यह अध्ययन करना होगा कि प्रोजेक्ट पर्यावरण के अनुकूल है या नहीं। वहां की रॉक किस प्रकार की है।
दूसरे चरण में लोनिवि को फिजिबिलिटी रिपोर्ट देनी होगी। वहीं संस्थान के इंजीनियरों की टीम मौके पर जाकर डिटेल सर्वे करेगी। चारों साइट्स का स्थलीय निरीक्षण भी किया जाएगा। यह रिपोर्ट तीन महीने में मंत्रालय को देनी होगी। जबकि, तीसरे चरण में डीपीआर तैयार होगी। प्रो. प्रवीन कुमार के अनुसार इस प्रोजेक्ट से होने वाले लाभ-हानि और अन्य प्रभावों का गहन अध्ययन करने के बाद ही इसे शुरू करने की योजना है।