केदारनाथ विकास प्राधिकरण के विरोध में तीर्थ पुरोहित हुये लामबंद

निर्णय को वापस नहीं तो केदारपुरी से लेकर पूरी केदारघाटी में उग्र आंदोलन
रुद्रप्रयाग । केदारनाथ विकास प्राधिकरण के विरोध में तीर्थ पुरोहित लामबंद हो गये हैं। तीर्थ पुरोहितों ने चेतावनी देते हुये कहा कि यदि सरकार ने शीघ्र ही प्राधिकरण के निणर्य को वापस नहीं लिया तो केदारपुरी से लेकर पूरी केदारघाटी में उग्र आंदोलन किया जायेगा। इस दौरान केदारसभा के पदाधिकारियों ने केदारनाथ में जुलूस निकालते हुये सेक्टर मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री को भा ज्ञापन भेजा।
केदारनाथ विकास प्राधिकरण के विरोध में तीर्थ पुरोहित समाज और केदारनाथ के व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई करने का मन बना लिया है। तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि केदारनाथ विकास प्राधिकरण लागू होने से स्थानीय लोगों के हक-हकूक प्रभावित होंगे। सरकार ने स्थानीय जनता को विश्वास में लिये बगैर प्राधिकरण लागू किया है, जो कि सरासर गलत है। केदारसभा, तीर्थ पुरोहित एवं केदारनाथ के व्यापारी केदारनाथ विकास प्राधिकरण का पुरजोर विरोध कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े शहरों को छोड़कर केदारनाथ में ही प्राधिकरण लागू किया जा रहा है। केदारपुरी पांच किमी के दायरे में बसी है। सरकार को ऐसी क्या जरूरत पड़ी कि केदारपुरी में ही प्राधिकरण को लागू किया जा रहा है। सीतापुर, गौरीकुंड आदि यात्रा पड़ाव भी प्राधिकरण के दायरे में आ रहे हैं। शीघ्र ही एक समिति का गठन किया जायेगा। जिसके बाद सरकार के खिलाफ केदारनाथ के साथ ही अन्य यात्रा पड़ावों पर जगह-जगह आंदोलन किये जाएंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
तीर्थ पुरोहितों ने सेक्टर मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्मंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को भेजे ज्ञापन में कहा कि यदि शीघ्र ही केदारनाथ विकास प्राधिकरण के निणर्य को वापस नहीं लिया गया तो सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इस मौके पर केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, महामंत्री कुबेरनाथ पोस्ती, वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित उमेशचन्द्र पोस्ती, आनंद सेमवाल, रूपक शुक्ला, भगवान तिवारी, रामेश्वर शुक्ला, गणेश शुक्ला, राहुल सेमवाल, महेन्द्र पोस्ती, हरि पोस्ती सहित अन्य मौजूद थे।