रौलाकोट के ग्रामीणों ने कहा कि जब तक उनका विस्थापन नहीं होता है तब तक पुल के ऊपर से वाहनों का संचालन नहीं होने देंगे
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नई टिहरी । सेम मुखेम मंदिर जा रहे वन मंत्री हरक सिंह रावत को डोबरा-चांठी पुल के ऊपर से ग्रामीणों ने नहीं जाने दिया। जिसके बाद मंत्री को पुल से वापस लौटना पड़ा और दूसरे रास्ते से वह मंदिर गए। विस्थापन की मांग को लेकर धरना दे रहे रौलाकोट के ग्रामीणों ने कहा कि जब तक उनका विस्थापन नहीं होता है तब तक पुल के ऊपर से वाहनों का संचालन नहीं होने देंगे।
रविवार को कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत अपने परिवार सहित प्रताप नगर के सेम मुखेम मंदिर में दर्शनों के लिए जा रहे थे। इस दौरान जल्दी मंदिर पहुंचने के लिए वन मंत्री का काफिला डोबरा चांठी पुल के ऊपर से गुजर रहा था। पुल के दूसरी तरफ चांठी गांव की तरफ रोलाकोट गांव के ग्रामीण पिछले एक सप्ताह से विस्थापन की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं।
ग्रामीणों को जैसे ही पता चला कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत आ रहे हैं तो उन्होंने उनका काफिला रोक लिया और अपनी समस्याएं बताई। ग्रामीणों ने कहा कि लंबे समय से ग्रामीण विस्थापन की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार उनका विस्थापन नहीं कर रही है। डोबरा पुल के ऊपर से वाहनों को तभी जाने दिया जाएगा जब सरकार उनका विस्थापन करेगी।
ग्रामीणों ने मंत्री का घेराव कर समस्याएं बताते हुए कहा कि टिहरी बांध की झील बनने के कारण उनके भवन और भूमि भूधंसाव की चपेट में आ गई है। सरकार ने वर्ष 2010-11 में रौलाकोट गांव का भू-गर्भीय सर्वे करवाया था, जिसमें गांव को पुनर्वास के लिए पात्र पाया था। लेकिन वर्षों बाद भी भूमि उपलब्ध न करवाए जाने के कारण अभी तक पुनर्वास नहीं किया गया है ।
मंत्री ने ग्रामीणों को समस्याओं के निराकरण का भरोसा दिया, लेकिन आक्रोशित ग्रामीण नहीं माने। इस दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बीच नोकझोंक भी हुई। इस मौके पर प्रधान आशीष डंगवाल, क्षेत्र पंचायत सदस्य गीता देवी, सागर भंडारी, गगन बिष्ट, मनीषा पंवार, हीरालाल, अजय बिष्ट, सचिन डंगवाल, धनपाल सिंह, धर्म सिंह, गोकल बिष्ट, बलवंत धनाई, दीपक डंगवाल, धीरज धनाई, कलम सिंह, अनिल थपलियाल, एतवारी देवी, भंगैड़ी देवी, बसंता देवी, नारायणी देवी, सौंला देवी, प्यारा देवी, गीता देवी आदि मौजूद थे।