Uttarakhand

भू-माफियाओं और अतिक्रमण से कृषि भूमि को होगा बचाना

राज्य में हो रहा है डेढ़ लाख मीट्रिक टन आम उत्पादन : मुख्यमंत्री 

खेती योग्य भूमि बहुत कम : त्रिवेन्द्र रावत 

शीघ्र नर्सरी एक्ट बनाने जा रही है  राज्य सरकार 

2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य 

देहरादून : किसानों को गुणवत्तापूर्ण मातृ पौध उपलब्ध करवाना सरकार की जिम्मेदारी तथा गारंटी है। राज्य सरकार शीघ्र नर्सरी एक्ट बनाने जा रहा है। किसानों के हित में विभागों का एकीकरण किया जाएगा। 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य प्राप्त करना है। सरकार किसानों के लिए है। किसानों के हित में प्रत्येक न्याय पंचायत पर एक-एक अधिकारी निर्धारित होगा, जिसकी निरंतर मॉनिटरिंग सचिव उद्यान द्वारा प्रत्यक्षतः की जाएगी। मुख्यमंत्री, सचिव के माध्यम से बागवानी में कृषि की धरातल स्तर की प्रगति से निरंतर अवगत रहेंगे। किसानों के हित में विकास में अधिकारियों की अनुशासनहीनता जरा भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा वीर शिरोमणि माधोसिंह भंडारी किसान भवन रिंग रोड में आयोजित उत्तराखंड आम महोत्सव में किसानों के प्रति राज्य सरकार की नीति स्पष्ट की। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि मैं शिक्षा, कृषि तथा उद्यान विभाग को सबसे अधिक महत्वपूर्ण मानता हूं। उन्होंने कहा कि आम महोत्सव का आयोजन किसान भवन में हो रहा है। कृषक बहुल राज्य में किसान भवन होना ही चाहिए। किसान भवन कृषकों के लिए गर्व का विषय है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि वर्तमान में उत्तराखंड में 36000 हेक्टेयर भूमि में आम पैदा किए जा रहे हैं। राज्य में डेढ़ लाख मीट्रिक टन आम उत्पादन हो रहा है। यद्यपि राज्य में खेती योग्य भूमि बहुत कम है, साथ ही हमें अपनी भूमि को भू-माफियाओं के अतिक्रमण से भी बचाना है। वह बाग-बगीचों का संरक्षण में परिवर्धन हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है। कृषि व बाग-बगीचों से ना केवल हमारी भविष्य की जरूरत पूरी होगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण भी होगा। जहां पेड़ हमारी आर्थिकी से जुड़े हैं वही यह हमारे इको सिस्टम का अनिवार्य अंग है।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि कृषि कर्मचारियों की आए तो निर्धारित होती है परंतु हमें सोचना होगा कि क्या किसानों की आय भी सुनिश्चित की जा सकती है। आज किसानों के कल्याण व कृषि विकास हेतु अनेक सुविधाएं मौजूद हैं। प्रधानमंत्री की फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों की फसल बुआई से लेकर कटाई तक हर स्तर पर बीमित है। प्रधानमंत्री जी ने हमारे समक्ष किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। फसलों के संदर्भ में आपदा का मुआवजा डेट गुनाह कर दिया गया है। राज्य सरकार शीघ्र ही नर्सरी एक्ट लाने जा रही है यदि किसान नर्सरी से पौधे खरीदते है तो उसकी उत्पादकता की गुणवक्ता भी सुनिश्चित होगी। नर्सरी संचालकों की जिम्मेदारी भी तय होगी।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखंड जैसा राज्य जिसकी जलवायु अनुकूल है। यहां से रणनीति अपनाकर प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित लक्ष्य को पूरा किया जा सकता है। राज्य में सुगंधित खेती अत्यंत ही लाभकारी सिद्ध होगी। सुगंधित खेती से जहां जंगली जानवरों से खेती के नुकसान का भय नहीं होता, वहीं यातायात व्यय भी अधिक नहीं होता तथा कोल्ड स्टोरेज की भी व्यवस्था नहीं करनी पड़ती। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने राज्य के किसानों से अपील की है कि कृषि व उद्यान विकास हेतु किसान अपने सुझाव सरकार को व्यक्तिगत रुप से भी दे सकते हैं। राज्य सरकार किसानों के सुझाव का तत्परता से स्वागत करती है।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि आजीविका योजना के अंतर्गत कौशल विकास द्वारा किसानों को अपने उत्पादकों की पैकेजिंग, वितरण, मार्केटिंग व प्रसंस्करण आदि में सहायता मिलेगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने आम महोत्सव में लगे विभिन्न प्रजातियों के आमों का अवलोकन किया तथा उद्यान विभाग की स्मारिका का विमोचन किया। मुख्यमंत्री द्वारा सर्वश्रेष्ठ आम उत्पादकों को सम्मानित किया गया। उद्यान मंत्री  सुबोध उनियाल, सचिव उद्यान निदेशक उद्यान बीएस नेगी, डी.सेंथिल पांडियन आदि कार्यक्रम में उपस्थित थे।

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »