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उत्तर प्रदेश की झांकी को सर्वश्रेष्ठ तो उत्तराखंड की झांकी को मिला देश में तीसरा स्थान

उत्तराखण्ड की झांकी  को देश मे तीसरे स्थान के लिये किया गया पुरस्कृत

राजपथ, नई दिल्ली गणतंत्र दिवस समारोह में उत्तराखण्ड राज्य की ओर से “केदारखंड” की झांकी प्रदर्शित की गई थी

मंत्रालयों व विभागों में जैव प्रौद्योगिकी विभाग की झांकी को मिला पुरस्कार

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने व्यक्त की प्रसन्नता

पहला अवसर जब उत्तराखण्ड की झांकी को चुना गया पुरस्कार के लिए 

देहरादून : गणतंत्र दिवस पर विभिन्न राज्यों की झांकियों में उत्तराखण्ड की ‘केदारखण्ड’ झांकी को तीसरे स्थान के लिये पुरस्कृत किया गया है। नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में केंद्रीय राज्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने यह पुरस्कार प्रदान किया।उत्तराखण्ड के प्रतिनिधि और टीम लीडर श्री केएस चौहान ने राज्य की ओर से पुरस्कार प्राप्त किया।  राज्य गठन के बाद उत्तराखण्ड द्वारा अनेक बार प्रतिभाग किया गया परंतु यह पहला अवसर है जब उत्तराखण्ड की झांकी को पुरस्कार के लिए चुना गया है। 
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है।  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में 2013 की आपदा के बाद केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण कर इसे पहले से भी अधिक भव्य रूप प्रदान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने झांकी को पुरस्कार के लिए चुने जाने पर प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए सचिव सूचना श्री दिलीप जावलकर, सूचना महानिदेशक डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट, टीम लीडर व उपनिदेशक सूचना श्री केएस चौहान और झांकी बनाने वाले कलाकारों तथा झांकी में सम्मलित सभी कलाकारों को बधाई दी है। 

नई दिल्ली : खेल और युवा मामलों के मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने गुरुवारको गणतंत्र दिवस परेड 2021 के पुरस्कार प्रदान किए। इस वर्ष उत्तर प्रदेश की झांकी को सर्वश्रेष्ठ झांकी का पुरस्कार दिया गया। यहां 32 झांकियों में से 17 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से और नौ झांकियां विभिन्न मंत्रालयों/विभागों और अर्धसैनिक बलों से और छह झांकियां रक्षा मंत्रालय की तरफ से सम्मलित हुई थीं। इन झांकियों से 26 जनवरी 2021 को राजपथ पर देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, आर्थिक विकास और रक्षा शौर्य को दर्शाया गया। इन सब में उत्तर प्रदेश की झांकी- ‘अयोध्या: उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत’ को विजेता का पुरस्कार दिया गया।

 विजेताओं की सूची में त्रिपुरा की झांकी दूसरे स्थान पर रही। त्रिपुरा की झांकी ने दर्शाया कि कैसे इस राज्य ने पर्यावरण के अनुकूल परंपरा को बढ़ावा देते हुए सामाजिक-आर्थिक मापदंडों पर आत्मनिर्भरता हासिल की। इस पूर्वोत्तर राज्य में 19 जनजातियां रहती हैं और यहां दुनिया की 21 बांस की प्रजातियों का भी समृद्ध खजाना है। झांकी में बांस की प्रजातियों और जनजातियों की समृद्ध विरासत को दिखाया गया जिसमें उनके पारंपरिक परिधानों की झलक देखने को मिली और झांकी में लोगों ने बांस और बेंत से निर्मित मास्क भी पहने हुए थे।

‘देव भूमि- देवताओं का घर’, उत्तराखंड की इस झांकी ने विजेताओं में तीसरा स्थान हासिल किया। झांकी के सामने के हिस्से में राज्य-पशु कस्तूरी मृग को दिखाया गया। राज्य-पक्षी ‘मोनाल’ और राज्य-पुष्प ‘ब्रह्मकमल’ भी यहां देखने को मिले जो केदारखंड के साथ-साथ उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाते हैं। झांकी के मध्य में भगवान शिव के वाहन ‘नंदी’ को दिखाया गया। झांकी के पीछे के हिस्से में भगवान केदार का मंदिर दिखा जो 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। उस दिव्य शिला को मंदिर के ठीक पीछे दिखाया गया था जो बाढ़ के रास्ते में अडिग खड़ी थी और जिसने 2013 की आपदा में केदारनाथ मंदिर को बचा लिया था।

विभिन्न मंत्रालयों / विभागों और अर्धसैनिक बलों की नौ और रक्षा मंत्रालय की छह झांकियों के बीच में जैव प्रौद्योगिकी विभाग की झांकी ने शीर्ष सम्मान हासिल किया। झांकी में आत्मनिर्भर भारत अभियान: कोविड के टीके के विकास की विभिन्न प्रक्रियाओं को दर्शाया गया है। सामाजिक प्रासंगिकता के साथ नए उत्पादों के विकास को बढ़ावा देने के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग आधारभूत ढांचा विकसित करने पर केंद्रित है। ये पारंपरिक ज्ञान पर आधारित स्वदेशी टीकों, देखभाल भरा निदान और उपचारात्मक प्रयोगों के विकास के लिए कार्य करता है ताकि अनुसंधान का एक समृद्ध खजाना तैयार हो सके जिससे इस दिशा में अपनी सेवाएं दी जा सकें।

केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की झांकी जो ‘अमर जवान’ के थीम पर आधारित थी, उसे सशस्त्र बलों के शहीद नायकों को श्रद्धांजलि देने के लिए विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अमर जवान की झांकी का मतलब था- राजपथ पर सैनिकों का अमर जीवन। ये झांकी भारतीय सशस्त्र बलों को सम्मानित करने वाले राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के सामने से ही गुजरी। झांकी के साइड पैनल सैनिकों के उत्साह को दर्शा रहे थे। झांकी को ताजे फूलों द्वारा उनके प्राकृतिक रंगों में उकेरा गया था जो एक मनभावन दृश्य उत्पन्न कर रहे थे।

श्री किरेन रिजिजू ने माउंट आबू पब्लिक स्कूल और विद्या भारती स्कूल रोहिणी, दिल्ली के बच्चों को सर्वश्रेष्ठ सांस्कृतिक प्रस्तुति का पुरस्कार दिया। इन बच्चों ने आत्मनिर्भर भारत के विजन को यहां प्रदर्शित किया। ऐतिहासिक राजपथ से 38 लड़कों और 54 लड़कियों ने पूरे भारत से हमारे सपनों का भारत बनाने के लिए आह्वान किया। अपने मंत्रमुग्ध करने वाले नृत्य के साथ उन्होंने आर्थिक विकास, तकनीकी विकास, नई शिक्षा नीति, कौशल विकास और महिला सशक्तिकरण का जश्न मनाया।

दिल्ली तमिल शिक्षा संघ के वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, नई दिल्ली को स्कूली बच्चों की प्रस्तुतियों के लिए सांत्वना पुरस्कार मिला। बच्चों ने पीढ़ियों से चले आ रहे कौशल और निपुणता को दिखाते हुए तमिलनाडु की लोक कलाओं और शिल्पों की समृद्ध परंपरा को दर्शाया। यहां धार्मिक पर्वों के साथ साथ सामुदायिक कार्यक्रमों में लोक नृत्य किया जाता है जो ग्रामीणों को मनोरंजन, हर्ष और खुशी प्रदान करता है। रंग-बिरंगी पोशाकों में बच्चों ने अपनी इन सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया था।

रक्षा मंत्रालय और अन्य मंत्रालयों/ विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने वाले कई कलाकार और बच्चे इस अवसर पर उपस्थित थे। श्री किरेन रिजिजू ने प्रतिभागियों के साथ बातचीत की और परेड में उनके प्रदर्शन के लिए उन्हें बधाई दी।

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