VIEWS & REVIEWS

भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी की कहीं ख़राब तो नहीं हो गई मशीन !

पार्टी के मीडिया प्रभारी कई बार करा चुके हैं पार्टी की फ़जीहत 

लो अब भाजपा की प्रेस विज्ञप्ति में प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल को सुबोध गोयल लिख डाला 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून : भाजपा के नव नियुक्त प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम और सह प्रभारी रेखा वर्मा के पहले दौरे को लेकर जारी प्रेस विज्ञप्ति ने एक बार फिर पार्टी की किरकिरी करा दी है। पार्टी के मीडिया प्रभारी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल को सुबोध गोयल लिखा गया है। इतना ही नहीं भाजपा के इन प्रदेश मीडिया प्रभारी जी ने भाजपा की नीतियों अंतरधार्मिक विवाह के खिलाफ प्रेस नोट जारी करने वाले टिहरी के एक समाजकल्याण अधिकारी का समर्थन तक कर डाला था, जबकि सरकार ने ऐसे अधिकारी के खिलाफ जांच का आदेश देते हुए उसके द्वारा द्वारा जारी प्रेस नोट को जारी करने का अधिकार नहीं बताया था। लेकिन चर्चाओं में रहने वाले भाजपा के इस मीडिया प्रभारी ने तो इस विवादित ट्वीट तक कर डाला था जिसे बाद में भाजपा के बड़े नेताओं के हस्तक्षेप के चलते उन्हें अपना वह ट्वीट हटाना तक पड़ा था। 
वहीं पढ़े- लिखे और बौद्धिक लोगों की पार्टी समझी जाने वाली भाजपा द्वारा जारी की जाने वाली प्रेस विज्ञप्तियों में अक्सर होने वाली ऐसी गलतियों को लेकर बीते कुछ समय से मीडिया में खासी चर्चा है। अभी ज्यादा दिन नहीं हुए भाजपा की वरिष्ठ नेताओं में शामिल राजमाता विजयराजे सिंधिया की जन्म शताब्दी वर्ष पर जारी पार्टी की प्रेस विज्ञप्ति सोशल मीडिया में खासी वायरल हुई थी। जिस पर भाजपा के मीडिया प्रभारी जी की खासी किरकिरी तो हुई ही थी साथ ही उन्होंने पार्टी की भी फजीहत करवाई थी, दो-दो बार संशोधन के बाद प्रेस विज्ञप्ति गलत जारी कर दी गयी थी। 
पार्टी के मीडिया प्रकोष्ठ द्वारा राजमाता विजयराजे सिंधिया की जन्मशताब्दी पर दो – दो प्रेस विज्ञप्तियां जारी की गई। पहली प्रेस विज्ञप्ति पार्टी के सह मीडिया प्रभारी की तरफ से जारी की गई। उसमें कई गलतियां थीं। फिर पार्टी के मीडिया प्रभारी जी ने संशोधित प्रेस विज्ञप्ति जारी की । उस विज्ञप्ति में भी पार्टी की वरिष्ठ नेता विजय राजे सिंधिया का नाम तक ठीक से नहीं लिखा गया था। इस प्रेस नोट का सोशल मीडिया पर खूब मज़ाक तक बना था। 
इधर कुछ समय से भाजपा का मीडिया प्रकोष्ठ लगातार चर्चाओं में बना हुआ है । कुछ दिन पहले मीडियाकर्मियों के बीच छीछालेदर होने के बाद भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी जी ने पार्टी के समाचारों व सूचनाओं के लिए बनाये गए व्हाट्सएप्प ग्रुप में कुछ वरिष्ठ पत्रकारों को जोड़ दिया है जिन्हे पहले ये पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की एक बैठक में भाजपा विरोधी करार दे चुके थे। हालांकि अब इस मामले की पत्रकारों के बीच खासी चर्चा है। इन पत्रकारों को भाजपा ”विरोधी” होने का तगमा देकर लम्बे समय से भाजपा से जुड़े समाचार और सूचनाएं नहीं भेजी जा रही थी।जबकि ऐसे पत्रकारों द्वारा भाजपा की कमियों को उजागर कर पार्टी को नसीहत देते हुए उन गलतियों को सुधारने की सलाह दी जाती रही थी। 
गौरतलब है की भाजपा से संबंधित समाचारों, कार्यक्रमों और प्रेस कांफ्रेंस की सूचना पत्रकारों के देने के लिए भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. जी ने व्हाट्सएप्प ग्रुप बनाया है। इस व्हाट्सएप्प ग्रुप में राजधानी के पत्रकारों को जोड़ा गया है। लेकिन डॉ. जी ने पत्रकारों को ग्रुप में जोड़ने में भेदभाव की नीति अपनायी रखी। पत्रकारों को अलग- अलग दृष्टि से देखने और कुछ को अपने पक्ष में साध कर उनसे अपने राजनितिक एजेंडे की पूर्ति करवाने के डॉ. जी पर आरोप लगते रहे हैं। चुनावों के समय पार्टी के विज्ञापनों में चहेतों को उपकृत करने जैसे आरोप भी कई बार चर्चाओं में रहे हैं। यही कारण है कि डॉ. जी येन-केन-प्रकारेण भाजपा के मीडिया प्रभारी की कुर्सी पर कब्ज़ा जमाये रखना चाहते हैं।
कांग्रेस व जनता दल से होकर भाजपा तक पहुंचे डॉ. साहब बीते कई वर्षों से भाजपा के मीडिया प्रभारी की कुर्सी पर कब्ज़ा जमाये हुए हैं। वर्तमान में डॉ. साहब पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष के साथ – साथ मीडिया प्रभारी भी बने हुए हैं। जो भाजपा की ही एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के एकदम विरुद्ध है। विधान सभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा के लिए भी यह सोचनीय विषय है कि वह लम्बे समय से एक पूर्णकालिक मीडिया प्रभारी नहीं खोज पायी। इस बात को लेकर पार्टी के भीतर खासी चर्चा है कि क्या भाजपा के पास मीडिया प्रभारी बनने योग्य कोई व्यक्ति नहीं है? जबकि डॉ. साहब ने इससे पहले तिकड़मबाजी करते हुए एक मीडिया प्रभारी को बाहर का रास्ता दिखा खुद उस कुर्सी पर एक बार फिर बैठ गए। वहीं अब भाजपा में यह भी चर्चा है कि वर्षों के मीडिया प्रभारी की कुर्सी के तलबगार डॉ. साहब को कब तक भाजपा ढोती रहेगी ?
इतना ही नहीं डॉ. साहब को लेकर पार्टी की मीडिया टीम के अन्य लोगों में गाहे – बगाहे चर्चा होती रहती है कि डॉ. साहब उनको स्वतंत्र होकर काम नहीं करने देते। डॉ.साहब का एक और फरमान आजकल पार्टी के भीतर चर्चाओं में है। कि डॉ. साहब ने अपनी अनुमति के बिना टीवी चैनलों में डिबेट पर जाने और बयान देने पर प्रतिबन्ध लगाया हुआ है। इस कारण टीवी डिबेट में प्रदेश सरकार का पक्ष मजबूती से रखने वाले ऐसे कई लोग मन मसोस कर रह जाते हैं, जबकि नौसिखिये प्रवक्ताओं को ऐसी जगह भेजा जाता है जो न तो पार्टी का ही ठीक से पक्ष ही रख पाते हैं और न ही सरकार ही पक्ष ऐसे लोग रख पाते हैं, और एक सवाल पर ही बगलें झाकने लग जाते हैं।  ऐसा नहीं कि प्रदेश में भाजपा के पास अच्छे वक्ताओं या विचारकों या भाजपा का पक्ष रखने वाले लोगों की कमी है लेकिन पार्टी के इन डॉ. साहब के आगे कोई  गिड़गिड़ाना नहीं चाहता कि उसे पार्टी या सरकार का पक्ष रखने को आगे किया जाए।  वहीं एक और आश्चर्य की बात तो यह भी है की भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी को घोषित हुए इतना समय बीत जाने के बावजूद पार्टी के मजबूत पैनलिस्टों की सूची आज तक तैयार नहीं हो सकी है या जानबूझकर तैयार नहीं की जा रही है ताकि डॉ. साहब का कहीं रुतबा कम न हो जाए ।      

Related Articles

Back to top button
Translate »