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क्रिकेट का इतना जूनून कि उम्र में ही कर दिया हेरफेर

  • टीम में चयनित होने के लिए दस्तावेजों में उम्र का किया फर्जीवाड़ा

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून । क्रिकेट के लिए इतना जुनून भी ठीक नहीं कि अपनी उम्र को तीन साल काम कर क्रिकेट खेलने के चक्कर में दो साल का प्रतिबन्ध लग जाए। मामला उत्तराखंड के क्रिकेट खिलाड़ी सुमित जुयाल का है जिस पर बीसीसीआइ ने टीम से बाहर का रास्ता दिखाते हुए दो साल का प्रतिबंध लगा दिया है। बताया जाता है कि सुमित जुयाल ने टीम में चयनित होने के लिए दस्तावेजों में उम्र का फर्जीवाड़ा किया था।

लोढा कमेटी की सिफारिश पर उत्तराखंड की टीम यूसीसीसी के अंर्तगत पहली बार घरेलू सत्र में खेलने के लिए मैदान पर उतरी। इसमें उत्तराखंड की अंडर-19 टीम का चयन किया गया। टीम में उम्र का फर्जीवाड़ा कर सुमित जुयाल भी शामिल हो गए, जो योग्य नहीं थे।

यूसीसीसी मैनेजर क्रिकेट ऑपरेशन अमित पांडे ने बताया कि सुमित जुयाल की सही उम्र 26 मार्च 1999 हैं। इसके अनुसार उनकी उम्र 21 वर्ष है, लेकिन सुमित ने अपनी उम्र कम दर्शाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया।

सुमित ने 26 नवंबर 2001 के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र व मूल निवास प्रमाण पत्र के सहारे टीम में जगह तो बनाई, लेकिन ज्यादा दिन टिक नहीं पाए। सुमित जुयाल के दस्तावेज फर्जी पाए जाने पर बीसीसीआइ व यूसीसीसी ने उस पर दो सत्र 2019-20 व 2020-21 के लिए प्रतिबंध लगाया है।

उत्तराखंड की अंडर-19 टीम में फर्जीवाड़ा कर जगह बनाने वाले चार खिलाड़ियों पर पहले ही प्रतिबंध लगाया जा चुका है। सितंबर 2018 में तीन खिलाड़ी व मार्च 2019 में अन्य एक पर बीसीसीआइ व यूसीसीसी ने दो साल का प्रतिबंध लगाया था।

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