World News

ब्लैक होल की पहली तस्वीर दुनिया ने देखी

  • तस्वीर टेलीस्कोप के एक ग्लोबल नेटवर्क की मदद से खींची
  • ब्लैक होल धरती से करीब 9.5 लाख करोड़ किलोमीटर है दूर 
  • महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने  किया था ब्लैक होल पर अध्ययन

वाशिंगटन : एस्ट्रोफिजिक्स (खगोल-भौतिकी) के क्षेत्र में बुधवार ऐतिहासिक उपलब्धि का दिन रहा। दुनिया ने पहली बार एक ब्लैक होल की तस्वीर देखी। वैज्ञानिकों ने एक साथ वाशिंगटन, ब्रसेल्स, सैंटियागो, शंघाई, ताइपे और टोक्यो में इस तस्वीर को जारी किया। तस्वीर टेलीस्कोप के एक ग्लोबल नेटवर्क की मदद से खींची गई है। यह ब्लैक होल धरती से 5.4 करोड़ प्रकाश वर्ष (करीब 9.5 लाख करोड़ किलोमीटर) दूर एम-87 गैलेक्सी में स्थित है। यह उपलब्धि ऐसी ही है, जैसे धरती पर रहकर चांद पर रखे किसी छर्रे  की तस्वीर खींचना।

यह उपलब्धि 2012 में शुरू हुए इवेंट होराइजन टेलीस्कोप (ईएचटी) शोध का नतीजा है। अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ के रूप में शुरू किए गए इस शोध का उद्देश्य विभिन्न ब्लैक होल की नजदीक से जानकारी जुटाना है। वैज्ञानिकों को इस अध्ययन से जो जानकारी मिली है, उससे 1915 में अल्बर्ट आइंस्टीन द्वारा दिया गया सापेक्षता का सिद्धांत (थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी) और पुष्ट हुआ है। इस उपलब्धि पर वैज्ञानिक शेपर्ड डोलमैन ने कहा, ‘हमने वह हासिल कर लिया है, जिसे कुछ पीढ़ी पहले तक असंभव माना जाता था।’ लोगों ने इस मौके पर महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग को भी याद किया। हॉकिंग ने ब्लैक होल पर व्यापक अध्ययन किया था।

कैसे ली गई तस्वीर?: असल में किसी भी ब्लैक होल की तस्वीर लेना असंभव है। ब्लैक होल ऐसी संरचना है, जिससे प्रकाश भी वापस नहीं आता। ब्लैक होल की एक सीमा होती है, जिसमें पहुंचते ही कोई भी पिंड घूमते हुए धीरे-धीरे उसके केंद्र में समा जाता है। ब्लैक होल में हर पल अनगिनत पिंड समा रहे होते हैं। इस प्रक्रिया में उसके चारों ओर प्रकाश और तरंगों का एक चक्र बन जाता है, जिससे छल्ले जैसी आकृति बनती है। वैज्ञानिकों ने ऐसी ही छल्ले की तस्वीर खींची है। उन तरंगों के बीच दिख रहा काला हिस्सा ही ब्लैक होल है

Related Articles

Back to top button
Translate »