बेतालघाट नाबालिक से दुराचार का मामला,पास्को के तहत गिरफ़्तार हुए तीन आरोपी
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नैनीताल : बीती 2 दिसंबर को बेतालघाट में नाबालिक के साथ दुराचार की घटना के बाद पुलिस ने बुधवार को घटना के सात दिन बाद तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर भले ही नैनीताल जिला प्रशासन अपनी पीठ खुद ही ठोंक रहा है लेकिन इसके पीछे नैनीताल जिले से जनता का दबाव और जिला पुलिस प्रशासन पर बढ़ता दबाद व मुख्य कारण रहा है।
गौरतलब हो कि बीते दिन जब पिछले 2 दिसंबर को हुवे बेतालघाट ब्लॉक के दाड़िमा ग्राम कि नाबालिक लड़की के साथ सामुहिक दुष्कर्म को लेकर बेतालघाट के सड़कों पर सामाजिक कार्यकर्ता सुरेन्द्र हाल्सी के नेतृत्व में ब्लॉक के कई जनप्रतिनिधियों ने शामिल होकर शांति रैली निकाली तो जिला प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। इस प्रदर्शन में स्थानीय लोगो द्वारा पहाड़ी क्षेत्रों में ऐसी घटना को लेकर काफी गुस्सा जाहिर तो किया ही गया था वहीं स्थानीय महिलाओं द्वारा इस घटना लेकर काफी गुस्सा भी व्यक्त किया गया, जिसमें उन्होंने हाथों में दाड़िमा की गुड़िया को इंसाफ ले लिए बेनर के साथ शांति मार्च तक निकाला था।
मिली जानकारी के अनुसार घटना के साथ दिन बीत जाने के बाद भी कुछ तथाकथित नेता और जिला प्रशासन के लोग आखिरी वक़्त तक मामले को रफा-दफा करने की कोशिश में थे, लेकिन मामले में जनांदोलन होता देख नैनीताल पुलिस को मामले में कार्रवाही कर दुराचारियों को आखिरकार गिरफ्तार करना ही पड़ा।
पुलिस बेतालघाट से मिली जानकारी के अनुसार एक व्यक्ति ने राजस्व पुलिस में तहरीर देते हुए बताया कि क्षेत्रान्तर्गत ओड़ा बासकोट में उसकी पुत्री के साथ तल्ला गाॅव उचाॅकोट के तीन लड़कों पंकज कुमार पुत्र लीलाराम निवासी तल्ला गाॅव उचाॅकोट, कमलेश कुमार पुत्र दयाल राम निवासी तल्ला गाॅव उचाॅकोट , हदेयश कुमार पुत्र पूरन राम निवासी तल्ला गाॅव उचाॅकोट के द्वारा जबरदस्ती से गलत काम किये जाने के सम्बन्ध में एक प्रार्थना पत्र पट्टी पटवारी उॅचाकोट तहसील बेतालघाट को दिया गया जिसके आधार पर राजस्व उप निरीक्षक श्री प्रवीण सिंह हंयाकी द्वारा एफआईआर संख्या 04/20 धारा 363/376घ/506 भादवि/ 3/4 छ पोस्को अधिनियम के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत कर विवेचना की गयी जो दिनांक 07.12.2020 को उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार रेगुलर पुलिस को स्थानान्तरित की गयी। जिसके बाद बुधवार को पुलिस ने घटना के साथ दिन बाद कार्रवाई करते हुए तीनों लोगों को गिरफ्तार किया गया।
क्या हुआ था घटनाक्रम जरा जानिए …….
गौरतलब हो कि दो दिसम्बर को दाड़िमा की एक नाबालिक युवती को पास के ही ग्राम तल्ला गांव के तीन युवकों द्वारा रात्रि को घर से उठा कर सामूहिक दुराचार कर वहीं पास के जंगल मे फेंक दिया गया था, जिसकी सुबह सूचना मिलते ही उस युवती को 108 के माध्यम से समुदायिकस्वास्थ्य केन्द्र बेतलाघाट ले जाया गया, जहां युवती की हालत गम्भीर देखते हुए उसे नैनीताल बी. डी. पाण्डेय जिला अस्पताल को रेफर कर दिया गया, लेकिन सबसे हैरतकरने वाली बात तो यह है कि सुबह से जिला अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही युवती का रात्रि 1:30 बजे मेडिकल किया गया जिसमें उसके साथ दुष्कर्म की पुष्ठि हो गयी, जिसके बाद पट्टी पटवारी प्रवीण ह्यांकी द्वारा पूरे पांच दिन तक मामले को दबाने और आपस में समझौते का प्रयास किया जाता रहा। लेकिन जनाक्रोश को बढ़ते देख पटवारी द्वारा बीती सात दिसंबर को मज़बूरी में तीन लोगों के खिलाफ पोस्को एक्ट मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
पटवारी द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी का पांच दिन तक कोई प्रयास नहीं किया गया
लेकिन इसके बाद भी पटवारी द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी का कोई प्रयास नहीं किया गया जबकि इन सात दिनों में कुछ स्थानीय नेताओं और अधिकारियों द्वारा मामले को दबाने सहित रफा दफा करने का प्रयास किया जाता रहा। जबकि पटवारी को मामले में युवती के नाबालिग होने के चलते स्वतः संज्ञान लेते हुए मुकदमा दर्ज कर देना चाहिए था वहीँ युवती के अनुसूचित जाति के होने के चलते मामला और भी संवेदनशील होजाता है लेकिन जिला प्रशासन मामले को तब भी दबाता रहा जो जांच का विषय है।
पुलिस ने भी गिरफ्तार करने में लगा दिए दो दिन !
आखिरकार बाद में सात दिसम्बर को भारी जनाक्रोश को देखते हुए जिले के उच्चाधिकारियों द्वारा खुद के गले की फांस बनता देख मामले को राजस्व पुलिस यानि पटवारी से हटाते हुए रेगुलर पुलिस को स्थानान्तरित कर दिया गया इसके बाद भी आरोपियों की पहचान होने के बावजूद स्थानीय पुलिस को दो दिन लग गए। वह भी तब जब वरिष्ठ अधीक्षक नैनीताल द्वारा थानाध्यक्ष बेतालघाट तत्काल अभियुक्तोंगणों की गिरफ्तारी हेतु आदेशित किया गया था।
पीड़ित परिवार के लोगो ने दबंगों पर लगाया धमकाने का लगाया आरोप
इस प्रकरण में हालांकि पीड़ित पक्ष और आरोपित लोग दोनों ही एक ही बिरादरी के हैं लेकिन युवती के पिता ने आरोपित पक्ष के कुछ लोगों पर उन्हें डराने तथा धमकाने का आरोप भी लगाया है, उन्होंने कहा कि कुछ लोग उन्हें उक्त मामले को दबाने के लिए दबाव बना रहे हैं और मामले को ना दबाने पर उन्हें जान से मारने की धमकी तक दे रहे हैं, पीड़ित पक्ष को अपने जान का ख़तरा बता रहे हैं, उन्होंने कहा कि उनका घर गांव से थोड़ी सी दूरी पर है जिससे उनको अपनी जान का ख़तरा बना हुआ है।