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ग़ैरसैण को स्थाई राजधानी बनाने की माँग को लेकर बनी रणनीति 

रुद्रप्रयाग। गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित करने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने एक बैठक आयोजित की। बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। युवा पत्रकार मोहित डिमरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य आंदोलनकारी और एडवोकेट केपी ढौंडियाल ने कहा कि आंदोलनकारियों की भावनाओं के अनुरूप गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित किया जाना चाहिए। इसके लिए एक बार फिर व्यापक जनांदोलन छेड़ने की आवश्यकता है। इस लड़ाई में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। उन्होंने कहा कि स्कूल और काॅलेजों में संवाद स्थापित कर युवाओं को इस जनांदोलन से जोड़ा जा सकता है। 

वरिष्ठ पत्रकार श्याम लाल सुंदरियाल ने कहा कि यह हमारे अस्तित्व की लड़ाई है। हमें जनता के बीच तथ्यों को लेकर जाना पड़ेगा। गैरसैंण राजधानी से पहाड़वासियों को कितना फायदा होगा, यह भी लोगों को बताने की आवश्यकता है। इस लड़ाई को गैर राजनीतिक बनाकर ही जीता जा सकता है। राज्य आंदोलनकारी देवेन्द्र चमोली और पत्रकार अजय आनंद नेगी ने कहा कि युवा शक्ति की बदौलत इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाया जा सकता है। सभी को गैरसैंण के मुद्दे पर बिना निजी स्वार्थाें के एक होना चाहिए। जनसमुदाय की भागीदारी से इस लड़ाई को निर्णायक रूप दिया जा सकता है। राजधानी के मुद्दे पर हमें आपस में बंटे बिना लड़ाई को जीतना है। 

एडवोकेट प्यार सिंह नेगी ने कहा कि अभी पहले चरण में इस आंदोलन को वृहद रूप देने के लिए सुझाव मांगे जा रहे हैं। सभी सुझाव मिलने के बाद आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन की तर्ज पर इस आंदोलन को लड़ा जाएगा। पत्रकार नरेश भट्ट, भूपेन्द्र सिंह नेगी, वीरपाल सिंह नेगी, सुरेन्द्र सिंह बिष्ट, भूपेन्द्र भंडारी, कुलदीप राणा ने कहा कि पिछले 17 सालों से हम गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की बात सुन रहे हैं। लेकिन हर बार सरकारें हमें ठगती हैं। गांव-गांव में लोगों को इस आंदोलन से जोड़ा जाएगा। 

युवा पत्रकार मोहित डिमरी ने कहा कि बैठक में मिले सुझावों के आधार पर आगे की कार्ययोजना और अलग-अलग टीमों का गठन किया जाएगा।युवाओं से संवाद स्थापित करने के साथ ही ‘गैरसैंण ही स्थाई राजधानी क्यों‘ के पर्चे बांटे जाएंगे। आम जनमानस को जागरूक किया जाएगा कि आम लोग किसी भी स्थान पर गैरसैंण के विषय में चर्चा जरूर करें। जहां-जहां गैरसैंण राजधानी को लेकर आंदोलन चल रहा है, उन्हें समर्थन दिया जाएगा। इसके साथ ही व्यापक स्तर पर हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जाएगा। साथ ही सोशल मीडिया के जरिए इस लड़ाई में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

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