-
उत्तरकाशी -गंगोत्री मार्ग हुआ बंद
-
बीआरओ ने शुरू किया दूसरा रास्ता बनाना
उत्तरकाशी : ऋषिकेश -गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर उत्तरकाशी से पांच किलोमीटर गंगोत्री की तरफ गंगोरी में अस्सीगंगा नदी पर बना वैली ब्रिज एक साथ दो ओवरलोड ट्रकों के पुल के उपर से गुजरने से अचानक टूट गया। जिससे गंगा घाटी का मुख्यालय उत्तरकाशी से संपर्क टूट गया है। पुल के ध्वस्त होने के कारण भारत चीन सीमा पर तैनात सैनिकों के साथ-साथ गंगोत्री घाटी के टकनौर और उपला टकनौर क्षेत्र के 60 से अधिक गांव का यातायात संपर्क कट गया। हालात को देखते हुए डीएम ने आपात बैठक बुलाई। वहीं जिलाधिकारी के निर्देश के बाद प्रात: नौ 10 बजे तक बीआरओ के मजदूर, कर्मचारी व मशीनरी पूरी तरह मार्ग को बनाने में जुटी हुई है। बीआरओ का कहना है कि इसस मार्ग को देर सांय तक बना दिया जायेगा। डीएम ने मौके पर बीआरओ एवं लोनिवि को निर्देश दिये कि वह देर शाम तक अस्सी गंगा में हयूम पाइप डालकर और एप्रोच सड़क बनाकर अस्थाई वैकल्पिक मार्ग बनाए।
पुल के बीच मुड़कर गिर जाने से गंगोत्री घाटी अलग-थलग पड़ गई है। वहीँ दोनों तरफ से वाहनों की लम्बी कतार लग गयी है और गंगोरी में जाम की स्थिति पैदा हो गयी है। हालाँकि गुरुवार सुबह बीआरओ ने पुल की वैकल्पिक व्यवस्था की कवायद शुरू कर दी है लेकिन पुल के यूँ ही टूट जाने को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं आम है तो वहीँ पुल के निर्माण पर भी सवालिया निशान लगने शुरू हो गए हैं क्योंकि इससे पहले भी उत्तरकाशी जिले के कई मार्गों के चार पुल इसी तरह गिर चुके हैं और उनके निर्माण को लेकर भी कई जांच शुरू की गयी थी जो अभी तक अंजाम तक नहीं पहुँच पायी है और न ही कोई ठेकेदार या अभियंता ही इनकी घटिया निर्माण को लेकर दण्डित ही हुआ है।
यह घटना गुरुवार सुबह तड़के की बताई गयी है जब इस पुल से एक ओवर लोड ट्रक गुजर रहा था तभी पुल बीच से टूट गया। पुल किनारों से भी उखड़ गया। इस पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक थी। पुल ढहने की खबर मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। पुलिस के मौके पर पहुंचने से पहले ट्रकों के ड्राइवर गाड़ी छोड़ कर भाग गए थे। इस दुर्घटना के किसी के घायल होने की खबर नहीं है।
आपको बता दें कि गंगोरी पुल साल 2012 अगस्त की आपदा में असी गंगा में आई विनाशकारी बाढ़ के बाद में बह गया था। जिसके 20 दिन में बाद सीमा सड़क संगठन ने वैली ब्रिज तैयार किया था। इस आपदा को 5 साल हो गया लेकिन अभी तक सरकार ने इस पुल को ठीक नहीं कराया था।