गांव का बेटा बना आर्मी चीफ तो जश्न में नाच उठे सैंण गांव वाले
पौड़ी : उत्तराखंड के लाल बिपिन रावत ने जब भारतीय सेना की कमान संभाली तो उनके पैतृक गांव में जश्न शुरू हो गया। पौड़ी जिले के द्वारीखाल ब्लॉक स्थित ग्राम पंचायत बिरमोली के तोक सैंण गांव में उनके सेना प्रमुख बनने पर मेला लगा रहा।
सेना प्रमुख का पदभार ग्रहण करने पर समूचे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। उनके भाई और नाते रिश्तेदार ढोल नगाड़ों के साथ गांव पहुंचे और बिपिन की कामयाबी के लिए कुल देवता की पूजा की। लोगों ने इस अवसर पर लोग ढोल दमाऊं और मशकबीन की धुन पर खूब नाचे। इस अवसर पर गांव में सभी को मिठाई बांटी गई। देर शाम तक नाच गानों का दौर चलता रहा।
शनिवार को दोपहर जैसे की जनरल बिपिन रावत ने सेना अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया। उनके चचेरे भाई, बहन, नाते रिश्तेदारों और क्षेत्रवासी उनके गांव सैंण पहुंच गए। कोटद्वार में 46 वर्षों से रह रहे उनके चाचा सेवानिवृत ऑनरेरी कैप्टन स्व. दरवान सिंह रावत का परिवार भी खुशी मनाने ढोल-नगाड़ों के साथ अपने पैतृक गांव पहुंचा। पूरा गांव दिन भर ढोल दमाऊं की थाप पर थिरकता रहा।
इसके साथ ही जनरल के वयोवृद्ध चाचा सुरेंद्र सिंह (सेवानिवृत्त कैप्टन) और पैतृक गांव में निवास कर रहे चाचा भरत सिंह और हरिनंदन सिंह ने सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन की कामयाबी के लिए वैदिक मंत्रोचार के साथ पंचाग पूजा की। उन्होंने सेनाध्यक्ष के कार्यकाल में देश को संभालने और तरक्की के लिए ईष्ट देव से कामना की। इसके बाद ग्राम प्रधान धर्मपाल सिंह और अन्य लोगों ने गांव में मिठाई बांटकर खुशी मनाई।
उनके चाचा सुरेंद्र सिंह ने बताया कि बिपिन रावत के सेनाध्यक्ष बनने से पूरा उत्तराखंड राज्य गौरवान्वित हुआ है और आज का दिन पूरे उत्तराखंड के लिए खुशी का दिन है। उन्होंने बताया कि जनरल बिपिन रावत अपने पिता (स्व0) सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत के समान कर्मठ, मेहनती और काबिल सैन्य अधिकारी हैं।
कुटुंब के सभी बच्चों के सामने जनरल बिपिन रावत और उनके पिता का उदाहरण पेश किया जाता रहा है। परिवार के सदस्यों और उपस्थित सभी लोगों ने जनरल बिपिन रावत के प्रति अपनी शुभकामनाएं व्यक्त कीं। इस अवसर पर उनके चचेरे भाई राजकुमार सिंह रावत, संतोष कुमार रावत, पुष्कर सिंह, रविंद्र रावत, देवेंद्र रावत, जयवंत सिंह रावत, चाचा गंगा सिंह, अर्जुन सिंह के अलावा परिवार के अनेक लोग ढोल दमाऊं की धुन पर नाचते गाते रहे।