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सतपाल महाराज हो सकते हैं सीएम फेस !

आम आदमी पार्टी में जाने के लग रहे कयास

आखिर कब थमेगा प्रदेश में दल-बदल का खेल

गुणानंद जखमोला की फेसबुक वाल से साभार 
क्या कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज कांग्रेस के बाद भाजपा को धोखा देंगे? राजनीतिक गलियारों में इन दिनों यह चर्चा तेजी से फैल रही है। सतपाल महाराज की सीएम बनने की हसरत अधूरी है। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक सतपाल महाराज और उनके समर्थक आम आदमी पार्टी के संपर्क में हैं। कहा जा रहा है कि सतपाल महाराज को आप अगले विधानसभा चुनाव में सीएम पद का चेहरा बना सकती है। आप सूत्रों ने भी इसकी पुष्टि की है। मौजूदा कई विधायकों के भी आप में शामिल होने की चर्चा है।
राजनीतिक गलियारों में इस चर्चा को और हवा तब मिली जब आप के नेता और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का उत्तराख्ंाड दौरा तय हुआ। बताया जा रहा है कि अप्रैल के दूसरे पखवाड़े में केजरीवाल उत्तराखंड आ सकते हैं। आप सूत्रों के अनुसार उस दौरान कई बड़ी नामी हस्तियां आम आदमी पार्टी को ज्वाइन करेंगी। 
राजनीतिक गलियारों में चल रही अटकलों को तब और बल मिल रहा है जब तीरथ सिंह रावत की भाजपा सरकार के मुखिया के तौर पर इंट्री हो गयी। तीरथ ने एक सप्ताह में अपने अनर्गल बयानबाजी कर जनता में संदेश छोड़ दिया कि भाजपा हाईकमान ने जनता को आसमान से गिरे खजूर में अटके वाली हालत में छोड़ दिया है। सूत्रों के मुताबिक सतपाल महाराज की हसरत मुख्यमंत्री बनने की थी और आज वो भाजपा में महज कैबिनेट मंत्री बनकर रह गये। उनकी कांग्रेस की सारी सीनियोरिटी धरी की धरी रह गयी। आलम यह है कि जिस विधायक तीरथ सिंह रावत की विधानसभा सीट छीनकर वो भाजपा में शामिल हुए और विधायक-मंत्री बने, नियति का खेल देखिए, आज वो उसी तीरथ सिंह रावत की कैबिनेट में उनके अंडर में काम कर रहे हैं। महाराज के सभी जादू-टोने, खेल-खिलौने, दाव-पेंच, दशकों की राजनीति अनुभव सब आरएसएस काॅडर के सामने बौने पड़ गये।

https://www.facebook.com/gunanand.jakhmola/posts/10221291908540776

कांग्रेस को मझधार में छोड़ भाजपा में शामिल हुए सतपाल महाराज को भाजपा ने रत्ती भर भी महत्व नहीं दिया। हां, इतना जरूर है कि उन्हें मंत्री की कुर्सी दे दी, हेलीकाॅप्टर दे दिया, जहाज भी दे दिया, लेकिन नहीं दिया जिसकी तमन्ना लेकर वो भाजपा में आये थे। यानी सीएम पद। अब देखना यह है कि दल-बदलने की यह रीति-नीति कब तक चलेगी? और क्या जनता इन दल-बदलुओं को अपना वोट बेच देगी और अगले पांच साल और रोती रहेगी।

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