संगीनों के साए में हो रही है पुनर्वास की जनसुनवाई
- जखोल साकरी बांध परियोजना की पुनर्वास पर जनसुनवाई
- गांव की अशिक्षित महिला प्रधानों से कागजों पर ले लिए गए हस्ताक्षर
- 5 गांव हो रहे हैं प्रभावित, पाव तल्ला, मल्ला, सुनकुंडी, धारा व जखोल
- ग्रामीण लोग संरक्षित गोविंद पशु विहार में बंदूकों के साए में कर दिए गए हैं कैद
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
मोरी (उत्तरकाशी) : उत्तराखंड के छोटे से मोरी ब्लॉक में आज बैरिकेडिंग थी और बड़ी मात्रा में पुलिस थी। नजारा ऐसा था कि कोई बड़ा आतंकवादी हमला होने वाला है। उत्तरकाशी जिले के इस छोटे से ब्लॉक में सुपिन नदी पर, गोविंद पशु विहार में बनने वाली जखोल साकरी बांध परियोजना ( 44 मेगावाट) की पुनर्वास संबंधी जनसुनवाई थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार मात्र 5 गांव प्रभावित हो रहे हैं पाव तल्ला, मल्ला, सुनकुंडी, धारा व जखोल आदि।
भू अर्जन पुनर्वास और पुनः व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 का खुले रूप से उल्लंघन किया गया । पहले यह जनसुनवाई 25 अक्टूबर को आयोजित की गई थी किंतु चुनाव के चलते रद्द की गई और 28 नवंबर को पुन: घोषित की गई। प्रशासन ने मात्र जिनकी जमीन जा रही है उनको ही जनसुनवाई में आना है, ऐसा झूठ प्रचारित किया।
माटू जन संगठन व अन्य लोगों ने भी पर्यावरण मंत्रालय, जिलाधिकारी व मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर अपना विरोध जताया था । किंतु सरकार ने इस पर कोई ध्यान ना देकर पुनर्वास संबंधी जनसुनवाई किसी तरह पूरी की। जन सुनवाई के दौरान भी पाव तल्ला, मल्ला, सुनकुंडी, धारा व जखोल आदि के प्रभावितों ने विरोध पत्र जनसुनवाई में देकर, अपना विरोध दर्ज कराया।
12 जून को स्थगित हुई जनसुनवाई से डरे हुए प्रशासन ने ढेर सारी पुलिस शायद इसीलिए लगाई थी ताकि लोग इकट्ठे होकर अपनी आवाज न उठा सके । सरकार ने कागजों की भरपाई तो कर ली। साथ ही यह बता दिया गया कि बांध का मतलब जबरदस्ती, गैर जरूरी तरह से, लोगों पर सरकारी योजना थोपना है। जिसमें ठेकेदार और सरकारी नुमाइंदे का भला होगा। प्रभावितों की कोई चिंता नहीं, पर्यावरण का कोई सोच नहीं।
अन्य गावों से लोग ना पाए इसलिए उत्तराखंड के मुख्य वन संरक्षक का दौरा भी आज ही जखोल में रखा गया। जहां पर लोगों ने उनसे सवाल किया कि हमें एक पेड़ काटने की इजाजत नहीं और आपने कैसे बांध कंपनी को खुलेआम जंगल की जमीन देदी? लोगों ने कहा कि बांध के लिए वनअनापत्ति धोखे से ली गई है। आप उन्हें रद्द कीजिए।