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उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में बारिश का कहर,आठ की मौत, 17 लोग लापता

मुख्यमंत्री ने दिए जिला प्रशासन को हालात पर नज़र रखने के निर्देश

त्यूनी,आराकोट में दर्जनों परिवारों को भेजा सुरक्षित स्थानों पर

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

सूबे के नौ जिलों में अगले 24 घंटे में भारी बारिश !

प्रदेश के नौ जिलों में अगले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग की ओर से जारी अलर्ट के अनुसार देहरादून के साथ नैनीताल, चंपावत, ऊधमसिंह नगर और पौड़ी जिलों में बहुत भारी बारिश हो सकती है।  हरिद्वार, टिहरी, चमोली और पिथौरागढ़ जिलों में भारी बारिश का अनुमान है। मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि देहरादून और आसपास के इलाकों में दो से तीन दौर की तेज बारिश हो सकती है। इस दौरान चमक और गरज के साथ तेज बौछारें पड़ सकती है। 

देहरादून : उत्तराखंड में मौसम फिर कहर बनकर टूट रहा है । उत्तरकाशी जिले के मोरी प्रखंड में आराकोट बंगाण क्षेत्र में बादल फटने से भारी तबाही की सूचना आ रही है। वहीं पडोसी राज्य हिमाचल प्रदेश की सीमा से लगे टिकोची बाजार में भी गदेरे ने तबाही मचाई है। कोची में स्कूल समेत कई भवन मलबे में दब गए हैं। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुँच गयी है।

उत्तरकाशी में मोरी ब्लाक के आराकोट क्षेत्र में शनिवार देर रात बादल फटने से कई लोगों की मौत हो गई और दर्जनों मकान पानी के सैलाब में समा गए। रविवार देर शाम तक आराकोट और माकुड़ी से आठ लोगों के शव बरामद हो चुके थे। जबकि क्षेत्र में अलग-अलग जगह 15 से 17 लोगों के बहने और मलबे में दबने की सूचना है।

आराकोट खड्ड में आए उफान से पाबर नदी का प्रवाह अवरुद्ध होने पर नदी का पानी आराकोट बाजार में घुस गया। यहां एक भवन में रह रहे राइंका आराकोट में प्रवक्ता बृजेंद्र कुमार (57), उनकी बेटी संगीता (25) और बेसिक स्कूल डगोली में तैनात शिक्षामित्र मोहन लाल की पत्नी सोमा देवी (38) मलबे में दब गईं। इनमें सोमा देवी का शव बरामद हो गया है। आराकोट में ही एक अन्य व्यक्ति का शव बरामद हुआ है। इसकी पहचान नेपाल मूल के कालूराम के रूप में हुई है।

आपदा प्रबंधन दल में शामिल भगत सिंह रावत ने बताया कि माकुड़ी गांव में मलबे में दबे पांच लोगों के शव बरामद हो गए हैं। इनकी पहचान चतर सिंह (55) पुत्र कुंदन सिंह, उनकी पत्नी कलावती (45), कलावती (35) पत्नी किशन सिंह, ऋतिका (17) पुत्री किशन सिंह और सरोजनी देवी (31) पत्नी उपेंद्र सिंह के रूप में हुई है।जबकि माकुड़ी गांव से जोगड़ी देवी (75) पत्नी कुंदन सिंह और नेपाली मूल के लाल बहादुर लापता हैं। उन्होंने बताया कि आराकोट में सोमा देवी (38) पत्नी मोहन लाल, नेपाली मूल के कालूराम (60) और सोबित (1) पुत्र रोहित के शव बरामद हुए हैं। यहां से राइंका आराकोट में प्रवक्ता बिजनौर निवासी बृजेंद्र कुमार (55) एवं उनकी पुत्री संगीता (30) के भी बाढ़ में बहने की सूचना है। आपदा प्रबंधन की टीम अन्य गांवों तक पहुंच कर आपदा में हताहत हुए लोगों को रेस्क्यू करने और उनकी जानकारी जुटाने में लगी हुई है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने ट्वीट करते हुए कहा कि उत्तरकाशी के आराकोट और आस पास के क्षेत्रों में बारिश एवं आपदा से प्रभावितों को जल्द सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने व प्रचुर राहत सामग्री उपलब्ध कराने के निर्देश जिलाधिकारी उत्तरकाशी एवं सचिव आपदा प्रबंधन को दिए हैं। SDRF, ITBP की टीम प्रभावित क्षेत्रों के लिए रवाना की जा चुकी है।

वहीं सुरक्षा की दृष्टि से केदारनाथ यात्रा को रोक दिया गया है। यात्रा को मौसम ठीक होने पर ही सुचारु किया जाएगा।  इस समय केदारनाथ धाम, लिनचोली, भीमबली यात्रा पडाव में लगभग 350 यात्री रुके हुए हैं। गौरीकुंड हाइवे बासवाड़ा में अवरूद्ध है।

भारी बारिश के बाद से अब अलकनंदा, पिण्डर, धोली,नंदाकनी, बालखिला नदियां उफान पर हैं। वहीं, सडकों पर मलबा आने से चमोली में 19 सडकें भी बंद हैं। उत्तरकाशी में भी जिले के अधिकांश हिस्सो में सुबह से बारिश का सिलसिला जारी है। गंगोत्री राजमार्ग चुंगी-बड़ेथी के पास मलबा और पत्थर आने से बंद हो गया है।

उत्तरकाशी जनपद के आराकोड और मकौड़ी गांव में भारिश बारिश के दौरान बरसाती नाले उफान पर आ गए। साथ ही भूस्खलन की चपेट में आने से आसपास के करीब आधा दर्जन गांव के लोग जंगल की ओर सुरक्षित स्थानों की तरफ रुख कर गए। गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कटने के कारण दोपहर तक इन गावों में राहत दल नहीं पहुंच पाया।

उत्तरकाशी जनपद के आराकोट में बारिश के दौरान नालों के उफान में एक बच्चा बह गया। वहीं, एक मकान के ध्वस्त होने से मलबे में एक महिला और बच्ची के दबने की सूचना है। मकौड़ी गांव में भी एक महिला के मलबे में दबने की सूचना है।  बादल फटने से नाले उफान में आने के चलते पैदल रास्‍ते, पुलिया बह गए। साथ ही दो दर्जन से ज्‍यादा मकानों में मलबा घुस गया।

वहीं देहरादून जिले के जौनसार-बावर की सीमांत तहसील त्यूणी क्षेत्र में भारी बारिश के चलते टोंस और पावर नदी उफान पर है। सीमांत तहसील से सटे उत्तरकाशी के बंगाण क्षेत्र के टिकोची में भारी बारिश से पावर नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। त्यूणी में टोंस व पावर नदी का संगम होने की वजह से नदी की लहरें नया बाजार त्यूणी व गुतियाखाटल बस्ती क्षेत्र के लिए बड़ा खतरा बन गई हैं।

टोंस व पावर नदी का जलस्तर बढ़ने से नया बाजार की कई दुकानों व लकड़ी से बने ढाबों तक नदी का पानी पहुंच गया है। इससे लोगों में दहशत का माहौल है। खासकर नदी किनारे बसे व्यापारियों में टोंस व पावर नदी के उफान पर होने से डर पैदा हो गया है।

आराकोट के पास भूस्खलन से आधा दर्जन मकान खतरे में 

उत्तरकाशी में बारिश ने भारी कोहराम मचा रखा है। आराकोट से लगे डगोली गांव में दोनों तरफ नाले उफान पर हैं। गांव के नीचे से भारी मात्रा में भूधसाव  होने से तकरबीन आधा दर्जन मकान  खतरे की जद में आ गए। इससे गांव में अफरातफरी जैसा माहौल बना हुआ है।

निवर्तमान ग्राम प्रधान शशि नौटियाल ने बताया कि मध्य रात्रि करीब तीन बजे गांव के दोनों नालो में बहुत पानी बढ़ा और तेज मूसलाधार बारिश से देखते ही देखते गांव की सड़कें नदी में तब्दील हो गईं। सड़क बह गई और आसपास के घरों में  मलबा भर गया। तबाही की इस बारिश से गांव का संपर्क जिले से कट गया है।

हर्षिल हैलीपैड और आर्मी कैंप के बीच का हाईवे बहा 

उत्तरकाशी जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हुई बारिश के कारण हर्षिल के निकट तिलगाड़ नाले में उफान में आर्मी कैंप और हर्षिल हैलीपैड के बीच गंगोत्री हाईवे करीब 20 मीटर हाईवे बह गया है। 100 मीटर क्षेत्र में हाईवे पर मलबा फैल गया। हाईवे के बंद होने से गंगोत्री और धराली में 150 पर्यटक व उनके वाहन फंसे रहे। देर रात पर्यटकों को निकाल लिया गया।

हाईवे बहने से गंगोत्री धाम सहित भारत-चीन सीमा का संपर्क भी कट गया है। गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुए यात्री हर्षिल से ही लौट आए। यहां पर हाईवे सुचारु करने के लिए बीआरओ के अधिकारी सहित 30 कर्मचारी मौजूद हैं। लेकिन, हर्षिल क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण हाईवे को सुचारु करने में बाधा खड़ी हो रही है। तिलगाड़ नाले के उफान से आर्मी कैंप और हैलीपैड को भी खतरा बना हुआ है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि जो पर्यटक व यात्री वहां फंसे हुए हैं उन्हें निकाला जा चुका है।

भारी बारिश से भारी तबाही की जानकारी 

उत्तरकाशी में मोरी के ग्राम पंचायत आराकोट टिकोची, मोल्डी, मौंडा खकवाड़ी, चिवां, गोकुल, माकुड़ी में भारी नुकसान हुआ। टिकोची बाजार में बादल फटने से पूरा बाजार टिकोची भूस्खलन की चपेट में आ गया। वहां पर खड़ी गाड़ियां भी पानी में बह गई। करीब सात गाड़ियां भूस्खलन के कारण मलबे में दब गई हैं। साथ ही स्कूल भी बह चुका है। पूरा मार्केट भूस्खलन की चपेट में आ गया है। सेव की फसल नष्ट

बारिश और भूस्खलन के चलते क्षेत्र में  सेब की फसल भी नष्ट हो गई हैं। कुछ लोग घायल भी हुए हैं तथा वहां पर मेन पुल भी बह गया है। सेब की फसल भी पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं।

लोग बाजार, गांव छोड़कर पहाड़ की ओर जा रहे हैं तथा प्रशासन का कोई भी व्यक्ति वहां पर मदद के लिए नहीं पहुंचा। इस दौरान पहाड़ पर जाते वक्त कई लोगों को चोटें भी लगी है। ब लोग अपना घर छोड़कर पहाड़ की ओर चले गए। आराकोट क्षेत्र में 10 से अधिक पुलिया बहने की सूचना है। साथ ही उत्तरकाशी जनपद के 25 से अधिक संपर्क मार्ग भूस्खलन से अवरुद्ध हैं।

चारधाम यात्रा मार्ग हुआ अवरुद्ध 

शनिवार से लेकर लगातार बारिश का दौर रविवार को भी जारी है। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं के अधिकांश जिलों में रिमझिम बारिश हो रही है। इससे सड़कें बंद होने और उन्हें खोलने का सिलसिला जारी है। पौड़ी-श्रीनगर मुख्य मार्ग मल्ली के निकट मलबा आने से बंद हो गया। इस तरह रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाइवे बांसवाड़ा, डोलिया देवी, जामू नर्सरी के निकट फिर से बंद हो गया। बाद में डोलिया देवी व जामू नर्सरी के निकट सड़क खोल दी गई। रात भर से हो रही बारिश के चलते गंगोत्री हाईवे बड़ेथी चुंगी और हर्षिल के निकट अवरुद्ध है। यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट के पास भूस्खलन से बंद है। बदरीनाथ हाईवे लामबगड़,  टंगणी में बंद है। साथ ही चमोली जिले के 19 संपर्क मार्ग भी अवरुद्ध हैं।

तीन दुकानें बही और दो मलबे में दबीं 

चमोली जिले में शुक्रवार मध्य रात्रि मूसलाधार बारिश के चलते पैनी और सेलंग के बीच खनोटी नाला उफान पर आ गया। नाले में पत्थरों के टकराने की आवाज सुनकर दुकानों में रह रहे लोग इधर- उधर भागे। नाले के उफान में तीन दूकानें बह गई, जबकि दो दुकानें मलबे में दब गई। मलबा से दस मीटर हाईवे भी बह गया।

नेशनल हाईवे टीम ने यहां पहाड़ी काटकर वाहनों की आवाजाही कराई। जोशीमठ के एसडीएम अनिल कुमार चन्याल के अनुसार नुकसान का आकलन किया जा रहा है। बारिश से सलूड़ डुंग्रा गांव में भूस्खलन से आधा दर्जन मकानों को खतरा पैदा हो गया है।

गंगोली तहसील क्षेत्र के भुनेड़ा गांव में बारिश मकान ध्वस्त

कुमाऊं मंडल में भी आसमानी आफत बरस रही है। पिथौरागढ़ जिले के गणाई गंगोली तहसील क्षेत्र के भुनेड़ा गांव में बारिश से एक मकान ध्वस्त हो गया। इसमें रह रहे परिवार के छह सदस्यों के समय रहते बाहर निकल आने से बड़ा हादसा टल गया। चंपावत में शुक्रवार रात्रि से शनिवार पूरे दिन मलबा आने से एनएच बाधित रहा है। नैनीताल में सुबह झमाझम बारिश हुई।

धुमाकोट में गहरी खाई में गिरी बस, कंडक्‍टर की मौत

पौड़ी जिले के धुमाकोट में भीषण बस हादसा हो गया। अंदरौली के पास जीएमओ की एक बस (UA11-0835) 300 फुट गहरी खाई में जा गिरी। जिसमें तीन लोग मौजूद थे। हादसे के बाद बस कंडक्‍टर की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि ड्राइवर सहित दो लोग घायल हो गए। स्‍थानीय लोगों की मदद से घायलों को बस से बाहर निकाला गया। बताया गया कि इतनी गहराई में बस गिरने के कारण बुरी तरह क्षतिग्रस्‍त हो गई।

यह बस बमेनीसैंण से कोटद्वार जा रही थी। बताया जा रहा है कि सड़क किनारे पुस्ता ढहने से ये हादसा हुआ। इस इलाके में देर रात से भारी बारिश हो रही है। जिसके चलते बस खाई में समा गई। फिलहाल कंडक्‍टर के शव को पोस्‍टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। जबकि घायलों को अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है।

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