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घेस क्षेत्र के विकास में रघुवंश प्रसाद जी का योगदान रहेगा हमेशा याद


2004 में जब एनडीए सत्ता से बाहर हो गयी थी तो उत्तराखंड के सीमांत जनपद चमोली के सीमांत कैल घाटी के चार गांवों, घेस, हिमनी, बलाण व पिनाऊं में भारी निराशा के बादल मंडराने लगे थे। कारण था अटल विहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के कार्यकाल में कुनार बैंड टू घेस मोटर मार्ग की सैद्धान्तिक स्वीकृति मिली थी, जिसे अब धरातल पर उतराने की बड़ी चुनौती बाकी बची थी।
सत्ताइस किलोमीटर लंबी इस सडक़ को जहां अंतिम स्वीकृति मिलनी बाकी थी वहीं पर्यावरणीय स्वीकृति और स्थानीय स्तर पर चली खींचतान भी इस सडक़ के रास्ते में कम बड़ा रोड़ा नहीं था। एेसे में यूपीए की नयी सरकार में हम लोगों की निगाह इस बात पर लगी थी कि ग्रामीण विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी किसे मिलती है। यह हम लोगों का सौभाग्य ही था कि बिहार के वैशाली संसदीय सीट से लोकसभा सदस्य बने रघुबंश प्रसाद सिंह के कंधों पर यह जिम्मेदारी आयी। ग्रामीण परिवेश के सिंह को यह मंत्रालय मिलने के बाद उम्मीद बन गयी थी कि रोड का मामला कुछ तो आगे बढ़ेगा। आज उनके परलोक सिधारने पर इस सीमांत क्षेत्र की आेर से उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कामना करते हैं कि ईश्वर रघुवंश जी को अपने श्रीचरणों में जगह दें।Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur.