- राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने किया जॉली ग्रांट में स्वागत
- केदार धाम को चढ़ाया एक कुंतल का घंटा और बाघम्बर
- केदार के पुनर्निर्माण कार्यों का लिया बारीकी से जायजा
- करेंगे तांत्रिक अनुष्ठान और सुबह के पहले पहर की विशेष पूजा!
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाहौल स्फीति के बौद्ध पोशाक और सिर पर हिमाचली टोपी लगाए कमर भगवा गमछा बांधे उत्तराखंड के पवित्र धाम बदरीनाथ और केदारनाथ की दो दिवसीय यात्रा पर शनिवार सुबह जौलीग्रांट हवाई अड्डे पर पहुंचे। जहां उनका स्वागत प्रदेश की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित डीजीपी अनिल रतूड़ी सहित अन्य अधिकारियों ने किया। हवाई अड्डे पर कुछ देर बाद विश्राम के बाद प्रधानमंत्री मोदी भारतीय सेना के हेलीकॉप्टर से केदारनाथ के लिए रवाना हो गए। इसके बाद वे सुबह नौ बजकर 37 मिनट पर केदारनाथ धाम पहुंचे।
केदारनाथ पहुँचने के बाद प्रधानमंत्री मोदी मंदिर के पास बने सेफ हाउस में रुके जहां से मंदिर तक के सफर में श्री निवास पोस्ती सहित तीर्थ पुरोहितों से उन्होंने कुछ देर बातचीत कर हाल-चाल लिया। इसके बाद वह मंदिर के गर्भगृह में पहुंचे। यहां करीब उन्होंने 17 मिनट तक बाबा केदार की पूर्जा अर्चना की। इसके बाद उन्होंने मंदिर की परिक्रमा की। इसके बाद वहां मौजूद तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों का पीएम मोदी ने हाथ हिलाकर अभिवादन स्वीकार किया।
परिक्रमा के बाद मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री को शाल और स्मृति चिन्ह भेंट किया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने केदारनाथ मंदिर के समीप चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का जहां नज़दीकी से निरीक्षण किया और उन्होंने आदिगुरु शंकराचार्य के समाधि स्थल के पुनर्निर्माण के बारे में जानकारी ली। वहीं संबंधित कार्यों के मानचित्रों को बारीकी से भी देखा। इसके बाद केदारनाथ स्थित एक गुफा में ध्यान भी लगाएंगे।
करीब एक घंटे तक केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने के बाद पीएम मोदी विश्राम के लिए मंदिर के पास सेफ हाउस पहुंचे। यहां कुछ देर विश्राम किया, विश्राम के उपरांत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बारिश के बीच पैदल चलकर ध्यान गुफा पहुंचे। ध्यान गुफा में पीएम मोदी साधना कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि वे रात्रि विश्राम भी इसी गुफा में करेंगे। इससे पूर्व पीएम मोदी का देहरादून एयरपोर्ट में उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्वागत किया। रविवार को पीएम भगवान बदरीनाथ में भगवान बदरी विशाल के दर्शन करेंगे। रात्रि विश्राम भी वह केदारनाथ में कर सकते हैं। अगले दिन रविवार को वह बदरीनाथ धाम पहुंचकर भगवान बदरीनारायण के दर्शन करेंगे और दोपहर बाद दिल्ली लौट जाएंगे।
- प्रधानमंत्री ने मंदिर में चढ़ाया बाघाम्बर और अर्पित किया घंटा
प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को अपनी केदारनाथ धाम यात्रा पर बाबा केदार के मंदिर में एक बाघाम्बर और घंटा चढ़ाया किया है। घंटे का वजन एक से डेढ़ क्विंटल बताया गया है। धर्म के जानकार बताते हैं कि जब किसी व्यक्ति की मनोकामना पूरी हो जाती है, तो वह यहां घंटे या घंटियां मंदिर में चढ़ाते हैं। कई बार लोग मन्नत मांगने के समय भी इस तरह का उपहार चढ़ाते हैं।
गौरतलब हो कि उत्तराखंड से प्रधानमंत्री मोदी का खास लगाव है और केदारनाथधाम के प्रति उनकी अगाध आस्था है। एक दौर में नमो ने केदारनाथ के नजदीक ही गरुड़चट्टी में साधना की थी। प्रधानमंत्री बनने के बाद वह अक्सर केदारनाथ आते रहे हैं।
केदारपुरी का पुनर्निर्माण उनके ड्रीम प्रोजक्ट में शामिल है। वह खुद इसकी कभी दिल्ली प्रधानमंत्री निवास से तो कभी स्वयं यहां पहुंचकर केदारधाम के पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लेते रहे हैं। इसके बाद ही आपदा की मार से वीरान हो चुकी केदारपुरी अब नए रूप में निखर चुकी है। पिछली बार केदारनाथधाम के कपाट खुलने और बंद होने के अवसर पर प्रधानमंत्री यहां मौजूद रहे थे।
हालाँकि इस बार लोकसभा चुनाव में भाग-दौड़ केचलते वे केदारनाथ नहीं पहुंच पाए थे, लेकिन चुनाव से निबटने के बाद वह केदारनाथ आएंगे ऐसा लोगों आ मानना था भी गए। उनके केदारनाथ के कार्यक्रम को देखते हुए पिछले कुछ दिनों से सरकारी मशीनरी सक्रिय थी और अब सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बीते तीन दिनों में एसपीजी के साथ ही उत्तराखंड के आला अधिकारियों ने केदारनाथ और बदरीनाथ में व्यवस्थाओं का जायजा लिया था।
- मध्य रात्रि को तांत्रिक अनुष्ठान !
- सुबह पहले पहर की करेंगे विशेष पूजा अर्चना !
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री शनिवार रात्रि को केदारनाथ में ही विश्राम कर सकते हैं। इस दौरान वे मध्य रात्रि को विशेष पूजा अर्चना और सुबह की पहले पहर की पूजा भी करेंगे। हिन्दू पंचांग के अनुसार 18 मई, शनिवार को वैशाख मास की पूर्णिमासी भी है। इस दिन जहाँ भगवान गौतम बुद्ध की जयंती मनाए जाने का विधान है। वहीं इस दिन को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। पुराणों में कहा जाता है इसी दिन भगवान विष्णु ने कूर्म अवतार भी लिया था। इस वर्ष 18 मई 2019 को बुद्ध पूर्णिमा पर 502 साल बाद ग्रहों का दुर्लभ योग बन रहा है। मंगल-राहु मिथुन राशि में वास करेंगे और उनके बिल्कुल विरोधी शनि-केतु धनु राशि में रहेंगे। इसे एक दुर्लभ योग ही कहना गलत न होगा। सूर्य और गुरु भी एक-दूसरे पर नज़र बनाए रखेंगे। यह दुर्लभ संयोग इससे पहले 16 मई 1517 में बना था और भविष्य में 205 वर्ष बाद फिर से ऐसा संयोग 2 जून 2224 को बनेगा। कहा जाता है इस दिन किये गए तांत्रिक अनुष्ठान अत्यंत फलकारी होते हैं। शास्त्रों और तंत्र विद्या के जानकारों में चर्चाएं हैं कि प्रधानमंत्री मोदी इस दिन केदारधाम में राजपाठ की पुनःप्राप्ति और राष्ट्र की खुशहाली के लिए तांत्रिक अनुष्ठान कर सकते हैं।