- संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल को एसआईटी का नोटिस
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : उत्तराखंड राज्य भ्रष्ट अधिकारियों का अपने अस्तित्व में आने के दिन से लेकर अब तक चारागाह बना हुआ है। छात्रवृत्ति घोटाले में अभी भी कई और बड़ी मछलियों का पकड़ा जाना बाकि है। कुछ अधिकारी और नेता सरकार का करोड़ों रुपया डकारने के बाद अभी भी छुट्टे घूम रहे हैं। मामले में लोगों का कहना है कि अभी तो अनुराग शंखधर और कुछ छोटी मछलियां ही जेल की सलाखों के भीतर पहुँच पायी हैं अभी तो अकी और धुरंधर है जो जेल जाने से बचने के लिए जुगाड़ लगाने पर जुटे हुए हैं। इनमें सत्ताधारी दल से सम्बन्ध रखने वाले नेता तक शामिल हैं। वहीं शंखधर के बाद अब समाज कल्याण के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल एसआईटी के राडार पर आ गए हैं।
उनपर भी आरोप है कि वर्ष 2011 में हरिद्वार के समाज कल्याण अधिकारी रहे गीताराम नौटियाल ने छात्रवृत्ति की राशि निजी संस्थानों को दे दी। एसआईटी ने नौटियाल को नोटिस जारी करते हुए पूछताछ के लिए बुला लिया है। उत्तराखंड में करोड़ों के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में पहली जांच समिति के सदस्य रहे गीताराम नौटियाल पर भी कार्रवाई की तलवार लटकती दिखाई दे रही है।
उत्तराखंड जनजाति बोर्ड के उपनिदेशक और हरिद्वार के पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर की गिरफ्तारी के बाद नौटियाल से पूछताछ की तैयारी है। आरोपों में घिरे पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी शंखधर की तरह गीताराम नौटियाल को एसआईटी ने नोटिस जारी कर दिया है। नौटियाल को एसआईटी दफ्तर हरिद्वार बुलाया गया है। हरिद्वार न आने पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
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p style=”text-align: justify;”>एसआईटी प्रभारी मंजूनाथ टीसी के अनुसार संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल को नोटिस भेजकर पूछताछ को एसआईटी कार्यालय बुलाया गया है। आशा है कि नौटियाल जांच में एसआईटी को सहयोग करेंगे।
बता दें कि संयुक्त निदेशक नौटियाल पर भी आरोप है कि वर्ष 2011 में हरिद्वार में जिला समाज कल्याण अधिकारी रहते उन्होंने कुछ प्राइवेट संस्थानों को छात्रवृत्ति दी थी। गीताराम नौटियाल के रिश्तेदारों के खिलाफ भी डोईवाला थाने में छात्रवृत्ति घोटाले का मुकदमा दर्ज है। आरोप है कि फर्जी आय प्रमाण पत्र के जरिये छात्रवृत्ति ली गई और इन पैसों से एक कार भी खरीदी गई। जानकारों की मानें तो संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल के पास एसआईटी का सहयोग करने के अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं बचता है। एसआईटी का सहयोग नहीं करने पर शंखधर के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया गया था।
गौरतलब हो बीते दिन सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने करोड़ों के छात्रवृति घोटाले में गुरुवार को हरिद्वार में गिरफ्तार जनजाति कल्याण निदेशालय के उपनिदेशक और पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर शुक्रवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। मामले में अब एसआईटी ने समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल को भी नोटिस भेजकर जल्द ही उनके कार्यालय में पेश होने की बात कही है। गीताराम नौटियाल जिला समाज कल्याण अधिकारी के पद पर वर्ष 2011 में हरिद्वार में कार्यरत रहे हैं। एसआईटी की इस कार्रवाई से समाज कल्याण विभाग में जेल जाने से बचे अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक में अफरा तफरी का माहौल है।
गौरतलब हो कि छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर हरिद्वार के पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर पहले दिन से आरोपों से घिरे हुए हैं। एसआईटी की जांच में कई प्राइवेट शिक्षण संस्थानों से सांठगांठ कर सरकारी धन को ठिकाने लगाने और अपनी जेबें भरने की पुष्टि हो चुकी है।
मामले में गिरफ्तारी की आशंका के चलते अनुराग शंखधर एसआईटी के सामने जाने के बजाए राहत पाने को नैनीताल हाईकोर्ट गए थे।लेकिन नैनीताल हाईकोर्ट ने उन्हें कोई राहत नहीं दी बल्कि उन्हें एक सप्ताह में एसआईटी के सामने पेश होने के आदेश दिए थे। गौरतल हो कि अनुराग बीते लगभग एक माह से अपने कार्यालय से इधर -उधर अपने को बचाने की जुगत में लगे हुए थी लेकिन एसआईटी के कड़े पहरे के आगे उनकी एक न च चली और अन्तत: उन्हें एसआईटी के सामने पेश होना पड़ा। एसआईटी द्वारा छह घंटे की पूछताछ के बाद संतोषजनक जवाब न देने पाने के बाद एसआईटी ने शंखधर की गिरफ्तारी की। जहां से उन्हें न्यायालय में पेश करने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।