जब अनुशासन का डंडा चला भाजपा कार्यकर्ता हुए रिपोर्ट से गायब
देहरादून : दो जून को रामनगर में वन मंत्री डॉ। हरक सिंह रावत का विरोध करने वाले भाजपा कार्यकर्ता नहीं बल्कि क्षेत्रीय विधायक की आड़ में हंगामा करने वाले अराजकतत्व बताये गए हैं। यह बात तब सामने आयी जब प्रदेश सहित सहित केंद्रीय नेतृत्व ने ऐसे अनुशासनहीन कार्यकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाही करने की बात कही। वहीँ जब जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट ने घटना की जानकारी रामनगर जाकर ली, हालाँकि बिष्ट ने प्रदेश भाजपा आला कमान को रिपोर्ट दे दी है लेकिन अब भी यह साफ़ नहीं हो पाया है कि आखिर विरोध करने वालों का मकसद कबीना मंत्री का विरोध करना था या वन विभाग के अधिकारियों के रंग में भंग करना था। जबकि सूत्रों ने यह भी बताया है कि मंत्री का विरोध करने वालों में वे लोग शामिल थे जिन्हें वनविभाग इलाके में अनधिकृत कार्य नहीं करने दे रहा था, इसी से क्षुब्ध इन लोगों ने मंत्री के कार्यक्रम की आड़ लेकर वन विभाग के अधिकारियों पर निशाना साधा और विधायक तक को मोहरा बना डाला।
गौरतलब हो कि दो जून को सूबे के वन मंत्री डॉ। हरक सिंह रावत को रामनगर वन प्रभाग के पंवलगढ़ कंजर्वेशन रिज़र्व के प्रतीक चिन्ह का अनावरण करना था, और इस कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक दीवान सिंह बिष्ट को वन विभाग के अधिकारी भूलवश नहीं बुला पाए थे जिससे यह बताया गया कि उनके कार्यकर्ताओं में रोष था। और उन्होंने मंत्री को कार्यक्रम से वापस जाने की बात भी कही थी लेकिन इसी बीच कुछ शरारती तत्वों ने कार्यक्रम स्थल पर लगाया गया अनावरण पट्ट तोड़ डाला, हंगामा बढ़ते देख मंत्री वापस हो गए थे।
मामला जब जिला और प्रदेश भाजपा संगठन के संज्ञान में आया तो जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट ने जांच की जिसके बाद यह तथ्य सामने आया कि वहां भाजपा कार्यकर्ता कम और वनविभाग का विरोध करने वाले ज्यादा थे जिन्होंने वहां का माहौल बिगाड़ा। जबकि सूत्रों ने यह बताया कि मंत्री का विरोध करने वालों में वन विभाग द्वारा कुछ लोगों को पंवलगढ़ कंजर्वेशन रिज़र्व में अनधिकृत कृत्य नहीं करने दिया जा रहा था, जिन्होंने क्षेत्रीय विधायक को न बुलाये जाने की आड़ लेकर मंत्री के सामने विरोध का ड्रामा किया।