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एसीएस ओम प्रकाश द्वारा लोनिवि को रोड के काम रोकने के ये थे आदेश……
- कंडी रोड-लालढांग-चिलरखाल रोड का मामला
- सीएम को वन मंत्री हरक सिंह रावत ने भेजे पत्रों के साक्ष्य
- कंडी रोड के लालढांग-चिलरखाल रोड के काम रोकने से हैं खफा
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून: गढ़वाल-कुमाऊं को सीधे आपस में जोड़ने वाली कंडी रोड के लालढांग-चिलरखाल हिस्से का निर्माण कार्य रोकने संबंधी प्रकरण तूल पकड़ता जा रहा है।मामले में अब तक मुख्यमंत्री सहित वन मंत्री को अपर मुख्य सचिव द्वारा गुमराह किये जाने और यह कहने कि उनके द्वारा इस रोड का काम नहीं रोका गया है के पत्रों के प्रतिलिपियों के साक्ष्य वन मंत्री ने मुख्यमंत्री को भेजी है। जिससे साफ़ जाहिर होता है कि ओमप्रकाश ने ही काम रोकने के आदेश दिए थे।
वहीं इतना ही नहीं वन मंत्री ने सड़क का काम रोके जाने संबंधी अपर मुख्य सचिव के आदेश सहितअब इस सड़क के लिए भूमि हस्तांतरण से लेकर अब तक के सभी आदेशों की तमाम प्रतियां साक्ष्य के तौर पर मुख्यमंत्री को भेजी हैं। डॉ.रावत के अनुसार उन्होंने यह प्रतियां वाट्सअप के जरिये मुख्यमंत्री के अलावा अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश को भी इसकी प्रतियां भेजी हैं।
वन मंत्री डॉ.रावत ने बीते रोज मुख्यमंत्री रावत से फोन पर हुई वार्ता में उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया था। उन्होंने कहा कि लालढांग-चिलरखाल सड़क के लिए विधिवत तौर पर सरकार ने वन भूमि लोनिवि को हस्तांतरित की है। इस भूमि पर वन कानूनों की कोई बंदिश भी नहीं आ रही है।
उन्होंने कहा ऐसे में लैंसडौन वन प्रभाग के डीएफओ के कहने पर अपर मुख्य सचिव काम रोकने के आदेश कैसे जारी कर सकते हैं। बता दें कि यह सड़क लैंसडौन वन प्रभाग के अंतर्गत है। उन्होंने कहा कि इस सड़क को लेकर एनटीसीए ने आख्या मांगी थी, न कि काम रोकने के कोई निर्देश दिए थे।