मंत्री मदन कौशिक समेत 12 को वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन योजना में हुए घपले में नोटिस

- चार सप्ताह में नोटिस का जवाब दाखिल करने के निर्देश
- योजना का लाभ पात्रों के बजाय पूंजीपतियों को कैसे दिया गया ?
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नैनीताल। नैनीताल हाई कोर्ट ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना में पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने को बेहद गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने पूर्व पर्यटन व वर्तमान शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के अलावा रुड़की विधायक की पत्नी व अन्य को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
हरिद्वार के मोहल्ला रक्षा समिति रानी गली पीपल वाली भूपतवाला निवासी सतीश शर्मा ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि 2007-08 व 2011-12 के बीच यह योजना बेरोजगार, पूर्व सैनिक, अल्प आय के युवा समेत एससी-एसटी के लिए लागू की गई थी, मगर योजना का लाभ पात्रों के बजाय पूंजीपतियों को दिया गया। याचिकाकर्ता के अनुसार तत्कालीन पर्यटन मंत्री मदन कौशिक तथा राज्य के सभी 13 जिलों के जिलाधिकारियों से भी इस घपले को लेकर शिकायत की गई, मगर किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई।
याचिकाकर्ता के अनुसार, आयकर विभाग में रिटर्न फाइल करने वालों ने सब्सिडी हजम करने के लिए खुद के बेरोजगार होने का शपथ पत्र आवेदन पत्र के साथ संलग्न किए हैं। रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा की पत्नी मनीषा बत्रा समेत 12 लाभार्थियों के शपथ पत्र, बैंकों की निरीक्षण आख्या रिपोर्ट भी दी है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई के बाद सचिव पर्यटन, उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के सीईओ, जीएमवीएन, हरिद्वार के डीएम व जिला पर्यटन अधिकारी, रुड़की विधायक की पत्नी व अन्य लाभार्थियों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।