SPIRITUALITY

परमार्थ निकेतन में धूमधाम से मनायी गयी मकर संक्रान्ति

नदियों को स्वच्छ करने का लिया गया  संकल्प

मकर संक्रान्ति पर हो नदियों की स्वच्छता क्रान्ति : स्वामी चिदानन्द सरस्वती

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन में ऋषिकुमारों, विदेशी सैलानियों और परमार्थ निकेतन के सेवकों ने धूमधाम से मकर संक्रान्ति का पर्व मनाया। स्नान, दान, ध्यान, यज्ञ एवं माँ गंगा के तटों की स्वच्छता के साथ आज के पावन पर्व की शुरूआत हुई। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज की प्रेरणा से परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने पौधा रोपण कर पर्यावरण को समर्पित हरित मकर संक्रान्ति मनायी। वहीं दिव्य गंगा आरती में सभी श्रद्धालुओं ने नदियों को स्वच्छ करने का संकल्प ग्रहण किया।
 
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने पश्चिम की धरती से पूर्व की संस्कृति का परचम लहराते हुये कहा कि ’सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में जाना संक्रान्ति काल होता है और वर्ष में 12 संक्रान्तियां होती है परन्तु पौष माह की संक्रान्ति विशेष होती है इस दिन सूर्य, पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध की ओर मुड़ जाता है। परम्परा के अनुसार पौष माह में सूर्य मकर राशी में प्रवेश करता है उस दिन मकर संक्रान्ति का पर्व मनाया जाता है। यह अनेक बदलावों और संकेतों को जन्म देता है। मकर संक्रान्ति अर्थात अन्धकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होना। हमारे जीवन में भी जो अज्ञान रूपी अन्धकार है उसे समाप्त कर प्रकाश की ओर; सकारात्मकता की ओर; स्वच्छता की ओर अग्रसर होना ही संक्रान्ति है।

शास्त्रों के अनुसार दक्षिणायण को नकारात्मकता का प्रतीक माना गया है और उत्तरायण को सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है। इस दिन प्रकृति में विद्यमान हर कलियां और फूल खिलने लगते है; प्रकृति में बहार आने लगती है उसी तरह प्रत्येक मनुष्य का जीवन भी खिल उठे, जीवन में भी बहार आए  प्रसन्नता आये यह तभी सम्भव है जब हम अपनी संस्कृति और संस्कारों को सम्भाल कर रखे।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा ‘मकर संक्रान्ति के दिन स्वयं के स्नान से पूर्व नदियों को भी करायें महास्नान, जब नदियां स्वच्छ रहेगी तभी हमारा स्नान भी सार्थक होगा। आज मकर संक्रान्ति के अवसर पर नदियों को स्वच्छ करने की क्रान्ति को जन्म दे। साथ ही एकल उपयोग प्लास्टिक का उपयोग न करने का संकल्प ग्रहण करे यही आज हम सभी की ओर से प्रकृति के लिये महादान होगा।’ 

Related Articles

Back to top button
Translate »